Thursday, December 25, 2014

दिल्ली में आर्य समाज ने स्वामी श्रद्धानंद जी का 88 वा बलिदान दिवस मनाया

दिल्ली में आर्य समाज ने स्वामी श्रद्धानंद जी का 88 वा बलिदान दिवस मनाया
एंकर - दिल्ली में आर्य समाज ने स्वामी श्रद्धानंद जी का 88 वा बलिदान दिवस मनाया ... इस मौके पर दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में बलिदान भवन से शोभा यात्रा निकाली गई जो रामलीला ग्राउंड में पहुंची .. इसी बलिदान भवन की जगह स्वामी श्रद्धानंद जी शहीद हुये थे और जहा जहा से उनकी शव यात्रा गुजरी थी और लोगो ने अंतिम दर्शन किये थे वहा वहा से ये शोभा यात्रा निकली .. यात्रा में भारतभर से आर्य आये और गुरुकुलो के लडको व लडकियों ने शौर्यपूर्ण करतब दिखाए .. और रामलीला ग्राउंड में बड़ी सभा आयोजित हुई जिसमे दलित महिलाओं ने आर्य धर्म धारण किया ताकि वे उंच नीच भेदभाव से उपर उठ सके ..
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ये शोभा यात्रा स्वामी श्रद्धानंद जी याद में निकाली गई है .. ये शोभा यात्रा सेंटर दिल्ली के बलिदान भवन से शुरू हुई है .. स्वामी श्रद्धानंद ने स्वराज्य हासिल करने, देश को अंग्रेजों की दासता से छुटकारा दिलाने, दलितों को उनका अधिकार दिलाने और पश्चिमी शिक्षा की जगह वैदिक शिक्षा प्रणाली का प्रबंध करने जैसे अनेक कार्य किए थे। सबसे बड़ी बात यह थी कि वह 18वीं शती में हिंदुओं और मुसलमानों के सर्वमान्य नेता थे। न्होंने दलितों की भलाई के कार्य को निडर होकर आगे बढ़ाया, साथ ही कांग्रेस के स्वाधीनता आंदोलन का बढ़-चढ़कर नेतृत्व भी किया। कांगे्रस में उन्होंने 1919 से लेकर 1922 तक सक्रिय रूप से महत्त्‍‌वपूर्ण भागीदारी की। 1922 में अंगे्रज सरकार ने उन्हें गिरफ्तार किया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी कांगे्रस के नेता होने की वजह से नहीं हुई, बल्कि वे सिखों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए सत्याग्रह करते हुए बंदी हुए थे। कांग्रेस से अलग होने के बाद भी वे स्वतंत्रता के लिए कार्य लगातार करते रहे। हिंदू-मुसलिम एकता के लिए स्वामी जी ने जितने कार्य किए, उस वक्त शायद ही किसी ने अपनी जान जोखिम में डालकर किए हों। वे ऐसे महान युगचेता महापुरुष थे, जिन्होंने समाज के हर वर्ग में जनचेतना जगाने का कार्य किया। लेकिन सत्य और कर्म के मार्ग पर चलने वाले इस महात्मा की एक व्यक्ति ने 23 दिसंबर, 1926 को चांदनी चौक दिल्ली में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। इस तरह धर्म, देश, संस्कृति, शिक्षा और दलितों का उत्थान करने वाला यह युगधर्मी महामानव मानवता के लिए शहीद हो गया। और उनकी हत्या जहा हुई उसी भवन से ये यात्रा निकली है और इसमें देशभर के गुरुकुलो से लडके लडकिया अपने करतब दिखा रहे है और खुद को मजबूत होकर दुश्मनों से लड़ने की प्रेरणा दे रहे है ..
( करतब दिखाते बच्चो के विसुअल ......................)
बाईट - विनय आर्य सक्रेटरी आर्य सभा दिल्ली प्रदेश
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स्वामी श्र्धानंद जी को याद में इसके बाद सभी लोग दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में जमा हुए .. भारतीय संस्कृति की रक्षा पर विचार रखे ... दलित महिलाओं इस मौके पर आर्य धर्म धारण किया .. इसका मकसद दलितों को भी समान बनाना ..जातिवाद छुआछूत से उपर उठाना इसका मकसद बताया ... इसके आयोजन का जिम्मा दिल्ली आर्य समाज पर था ..
बाईट - जोगिन्द्र खट्टर मीडिया प्रभारी दिल्ली आर्य समाज ...........
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कार्य्रकम करीब पांच घंटे चला ..और अलग अलग राज्यों से आये आर्य विद्वानों ने संबोधित किया और मौजूदा हालात में संस्कृति को बचाने के उपायों पर चर्चा की .................
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अनिल अत्री दिल्ली ...............







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