Sunday, February 20, 2011

देश कि राजधानी मैं मोत के गड्डे लगातार बच्चों कि जान ले रहे हैं .............








देश कि राजधानी मैं मोत के गड्डे लगातार बच्चों कि जान ले रहे हैं .............

विभाग एक दूसरे पर टालमटोल करते हैं ....विभागों के खिलाफ मामला दर्ज होता हैं ...

स्थिति तब सुधरेगी जब मामला विभाग के खिलाफ न होकर सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ होगा .............

सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ यदि हत्या का मामला दर्ज हो तो शायद ही कोई मोत का गड्डा खुला मिले ................

.शनिवार देर शाम भी एक गड्डे ने मासूम कि जान ले ली ..गड्डा एक निर्माणाधीन अस्पताल के पास निर्माण कार्य के लिए बना था ..गड्डा करीब बारह फीट गहरा और दस फीट चोडा हैं इसके पास कोई चोकीदार नही कोई बाउंड्री नही बच्चे पास खेलते रहते हैं ..शनिवार शाम भी खेलते वक्त बच्चा गिरा और मोत हो गई ..मामला हैं उत्तरी पश्चीमी दिल्ली के शालीमार थाना एरिया के हेदरपुर गाँव का ..............
..............ये रोती बिलखती माँ हैं अभिषेक नाम के तेरह साल के बच्चे कि ...बच्चा बदायू से अपनी मोसी के घर आया हुआ था और हर रोज कि तरह घर के आगे मैदान मे खेल रहा था ..अचानक बच्चा इस गड्डे के पास आ गया ये गड्डा इस निर्माणधीन अस्पताल ने बनाया हैं ये गदा वेसे तो अस्पताल कि सीमा से बाहर हैं पर इसको खोदा अस्पताल ने और इसमें ये पानी आकर रूकता हैं ..अस्पताल का पानी दिन रात इस अस्पताल मैं बहता हैं ,...यहाँ तक कि आसपास के एरिया मैं भी पानी फेल गया ..यहा इस बारह फीट गहरे गड्डे के चारों तरफ कोई दीवार अस्पताल ने नही बनाई अस्पताल ने सिर्फ ये गहरा गड्डा बना मोत को खुला छोड़ दिया ..अभिषेक बदायू मैं चोथी क्लास मैं पडता था ..पर यहाँ दिल्ली आया और खेलते वक्त दूसरे साथियों के साथ गड्डे मैं फिसल गया दूसरे बच्चों ने तुरंत लोगों को बताया ..और तुरंत गावं के लोग आये और गड्डे मैं कूदे और अभिषेक को गड्डे मैं दूड़ने मैं आध घंटा लग गया ..और जब निउकाला तो बच्चा मर चुका था ...
.............. अब ये बिल्डिंग जिस अस्पताल कि हैं वो कुछ भी नही बोल रहा हैं ..न ही अब तक बिल्डर सामने आया ...ये गलती चाहे बिल्डर कि हो चाहे अस्पताल कि पर इस गलती ने एक मासूम चिराग को जरूर बुझा दिया ..अब इस माँ का रो रो कर बुरा हाल हैं ....
............ बच्चों कि इस तरह मोत का ये पहला मामला नही हैं ..दिल्ली मैं बच्चे बुड्डे सभी अपनी जिन्दगी इन गड्डों मैं खो रहे हैं ..कोर्ट ने कई मामलों मैं विभागों के खिलाफ बड़े जुर्माने भी किये पर जब तक इन गड्डों के कसूरवारों पर हत्या का मामला दर्ज नही होगा तब तक मासूमों कि इस मोत का सिलसिला रूकने वाला नही ...अब इसमें MCD भी इतनी ही कसूवार हैं जिसने ये गडडा बनाने दिया ...फिलहाल पुलिस ने अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और अस्पताल का कहना हैं कि गड्डा उनकी सीमा से बाहर हैं दूसरे बिल्डिंग बिल्डर कमपनी बना रही हैं इस कारण अस्पताल तो दोषी हैं ही नही ............

अनिल अत्री दिल्ली ...........

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