पैर में फेक्चर हुआ पेट क्यों फाड़ दिया ?...मर्तक के परिजनों के इसी सवाल को लेकर शालीमार बाग स्थित इंडियन हॉस्पिटल में हुयी एक युवक कि मोत पर मर्तक के परिजनों ने हॉस्पिटल पर जमकर पथराव किया...जमकर तोड़फोड़ कि...नाराज लोगों का गुस्सा ओर हंगामा देख हॉस्पिटल के मरीज भी हॉस्पिटल छोड़कर भागने लगे..मर्तक जयदेव कि कुछ महीने पहले ही शादी हुयी थी..परिजनों ने हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाया है वहीँ हॉस्पिटल अपने ऊपर लगे आरोप से इनकार कर रहा है...
वी-ओ-1 डॉक्टर को भगवान कहा जाता है..वह जिंदगी बचाता है..लेकीन शालीमार बाग स्थित इंडियन हॉस्पिटल पर एक मोत कि जिमेदारी का आरोप है...इस हॉस्पिटल पर हो रही यह तोड़फोड़ उसी भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर के प्रति गुस्सा है..इस गुस्से ने हॉस्पिटल कि क्या हालत बन दी है आप खुद देखिये....गुस्साई भीड़ ने पुरे हॉस्पिटल का नक्स्सा ही बिगाड़ दिया...हर ओर टूटे कांच बिखरे सीसे..ओर उलट पुलट सामान...हद ओर हैरत कि बात तो यह है कि यह सब पुलिस कि मौजूदगी में हुआ...भीड़ का गुस्सा देखर अस्पताल के डोक्टर ही नहीं भाग खड़े हुये बल्कि मरीज भी अस्पताल छोड़कर भगाने लगे...
बाईट----अस्तपाल छोड़कर भागता मरीज ( बहुत परेसानी हो रही है...अब यहाँ क्या इलाज होगा...इस हंगामे को देखर..इलाज भी ठीक नहीं हो रहा...)
वी-ओ-2 इनके गुस्से कि वजह एक सवाल है...सवाल यह कि जब फेक्चर पैर में हुआ है तो पेट क्यों फाड़ दिया.?..दो दिन पहले केशव पुरम इलाके में एक मामूली एक्सिडेंट में जयदेव नाम के एक युवक के पैर में फेक्चर हो गया..क्या उससे किसी कि मोत हो सकती है ? हॉस्पिटल कि यह हालत इसी सवाल का सही नहीं मिलने से हुयी है...मर्तक के परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है...लेकीन अस्पताल का कहना है कि कोई लापरवाही नहीं हुयी...
बाईट---मोनू ( मर्तक का रिश्तेदार ) ( इन्होने पहले पुरे पैसे लेकर इलाज शुरू किया..पैर में फेक्चर हुआ ओर पुरा फेट फाड़ दिया...कोई भी डॉक्टर देखने नहीं आता था...)
बाईट---डॉ. जी.एस. गुप्ता ( हमारी तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुयी..जब भी कोए डेथ होती है इस तरह के आरोप लग जाते है..में तो एक डॉक्टर भी तैनात किया था...)
वी-ओ-३अस्पताल में जयदेव का शव बेड पर था..तो बाहर लोगों का गुस्सा...केवल सात महीने पहले ही जयदेव कि शादी हुयी थी...नयी ग्रहस्ती के लिए नयी फेक्ट्री त्रिनगर में लगाई थी..उसी सिलसिले में आया था कि किसी वाहन ने टक्कर मार दी..परिजन गमजदा है..हजारो रुपये खर्च कार भी वे जयदेव को नहीं बचा सके... न उनका दुःख गलत ओर ओर न उनके सवाल...लेकीन इस अस्पताल में हुयी इस तोड़फोड़ को क्या कहें...इसे देखर तो यही कहा जा सकता है कि भगवान कहे जाने वाले डोक्टर पर भरोसा नहीं रह गया है...ओर न ही पुलिस प्रशासन पर विश्वाश...दोनों ओर हुए अविश्वाश में आफत आम मरीजो कि है..बहरहाल शालीमार बाग पुलिस ने मर्तक के परिजों कि शिकायत के बाद शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है...ओर मामले कि जांच कार रही है..
अनील अत्री दिल्ली .................
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