Saturday, December 11, 2010

मंदबुद्धि बच्चे की मौत पर हत्या का मुकदमा दर्ज



मंदबुद्धि बच्चे की मौत पर हत्या का मुकदमा दर्ज
बाहरी दिल्ली रोहिणी के आशा किरण में रहने वाले मंदबुद्धि बच्चे भोला (12) की मौत के मामले में अदालत के आदेश पर विजय विहार थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया है। भोला की मौत इसी साल 28 अगस्त को जीटीबी अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत की वजह सिर में गंभीर चोट लगना बताया गया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आशा किरण में पिछले एक साल के दौरान करीब 36 बच्चों व व्यस्कों की मौत हो चुकी है। इन मौतों को लेकर हमेशा से आशा किरण प्रशासन को सवालों के कठघरे में खड़ा किया जाता रहा है। लेकिन यह पहला मामला है, जिसमें हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
वी ओ 1 रोहिणी के आशा किरन होम मैं मंदबुधि बच्चों कि मोत का सिलसिला रूकने का नाम नही ले रहा हैं ...अब कोर्ट के आदेश पर पहली FIR दर्ज ....रोहिणी कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एमएम) नवीन गुप्ता ने जांच में भोला की मौत को अप्राकृतिक बताते हुए इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में माना। उन्होंने विजय विहार थाने के एसएचओ को आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है सुनवाई के दौरान एमएम ने आशा किरण प्रशासन के अधिकारियों व चिकित्सकों सहित पांच लोगों के बयान दर्ज किए थे। आशा किरण के कुछ कागजात को जब्त किया ... अदालत को आशा किरण के वेलफेयर अफसर ने बताया कि उन्होंने गत 16 व 17 अगस्त को नियमित दौरे के दौरान भोला के सिर पर दो तीन जगहों पर चोट के निशान देखे .... भोला को 19 अगस्त को मेडिकल केयर यूनिट में इलाज के लिए भेजा गया, जहां से उसे रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल रेफर किया गया। आशा किरण के मेडिकल अफसर व स्टाफ नर्स चोट के निशान होने के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बता पाई। अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि उसे 19 अगस्त को बेहोशी की हालात में अस्पताल में लाया गया था। मरीज के बारे में जख्मी होने का कारण गिरना बताया गया था। उसे 22 अगस्त को इहबास रेफर कर दिया गया था जहां से उसे जीटीबी अस्पताल भेजा गया था। अधिकारियों के विरोधाभासी बयानों, कागजातों में की गई छेड़छाड़ व पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले को अदालत की नजरों में संदेहास्पद बना दिया और उन्होंने हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दे दिया।
बाईट - RB Bansal ( शिकायत कर्ता ) टेक्स्ट - अगस्त मैं डेड हुआ था सबसे पहले मेने ही शिकायत कि थी ...अधिकारियों के विरोधाभासी बयानों, कागजातों में की गई छेड़छाड़ व पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले को अदालत की नजरों में संदेहास्पद बना दिया और उन्होंने हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दे दिया।
वी ओ 2 आशा किरण में पिछले एक साल में थोड़े-थोड़े अंतराल पर 36 लोगों की मौत हो चुकी है।फे मामला लापरवाही माना जाता रहा लेकिन अबकी बार मर्डर कि FIR से सभी हेरान हैं ..इस घटना ने यहाँ कि व्यवस्था कि पूरी पोल खोल दी ...................

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