Monday, December 6, 2010

दिल्ली कनाट प्लेश ही नही ये भी है .........देश कि राजधानी मैं बारिस के इतने महीने बाद भी ये हाल देखिये ..








दिल्ली कनाट प्लेश ही नही ये भी है .........देश कि राजधानी मैं बारिस के इतने महीने बाद भी ये हाल देखिये ..
इस साल बरसात ने पूरे देश में खुलकर अपना तांडव दिखाया था, विशेषकर देश की राजधानी दिल्ली में लोगों को भारी बरसात से बहुत परेशानी हुई थी... इस बरसात के चलते जहाँ एक और कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन पर ही खतरे के बादल मंडरा गए थे वहीँ दूसरी और दिल्ली की सड़कों के तहस नहस हो जाने और जगह-जगह सड़कें धंस जाने से लोगों का जीवन थम सा गया था. लेकिन इसी बरसात का पानी अभी भी दिल्लीवासियों के घरों में घुसकर वहां तबाही का तांडव खेल रहा है....
ऐसा नहीं है कि बरसात ख़त्म हो जाने के बाद उसका कहर चला गया है... जी नहीं अभी भी बाहरी दिल्ली के कंझावला क्षेत्र के महावीर विहार इलाके में बरसाती पानी के जलभराव के कारण अभी तक वहां लगभग इक्कीस मकान गिर जाने का समाचार आया है... पिछले कई दिनों से वहां बरसाती पानी के जलभराव का प्रकोप यहाँ के निवासियों के लिए बुरी खबर बन गया है..लोगों के घरों के भीतर पानी घुस गया है जिससे उनके मकान एक-एक कर गिरते जा रहे हैं... जिन लोगों के घर गिर गए हैं वो बेघर हो गए हैं. ऐसे अनेकों मकान हैं जिनमे दरारें पड़ चुकी हैं और वो भी कभी भी गिर सकते हैं.....प्रशासन और स्थानीय विधायक, निगम पार्षद इन लोगों की समस्याओं को देखते-जानते हुए भी तमाशबीन बने हुए हैं....
राम मूर्ति ठाकुर (प्रेजिडेंट -- महावीर विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन)
बीस साल पहले बाहरी दिल्ली के कंझावला क्षेत्र में सन उन्नीस सौ अस्सी में बसी महावीर विहार कोलोनी में आज लगभग 15 -20 हजार लोग रहते हैं. इन लोगों ने बहुत मुश्किल से पैसे इकठ्ठा करके यहाँ अपने छोटे छोटे घर बनाए... मगर इस साल की बरसात के पानी के जलभराव के चलते उनके आशियाने धीरे धीरे धराशायी होते जा रहे है और ये बेचारे बेघर हो रहे हैं....ज्यादातर गरीब मजदूर वर्ग के लोगों ने अपने परिवार का सिर छुपाने के लिए जो घर बनाए उन्हें जलभराव के पानी का शिकार होने से बचाने के लिए कोई भी मदद नहीं कर रहा है.....इससे पूर्व सरकार ने एक बड़े कार्यक्रम में दिल्ली की अनियमित कोलोनियों को नियमित करने का प्रोविजनल सर्टिफिकेट महावीर विहार को भी दिया था... लेकिन यहाँ किसी भी तरह का कोई विकास कार्यक्रम आरम्भ नहीं किया गया...
बाईट:-- श्रीमती हुस्ने बानो (स्थानीय निवासी जिसका मकान गिर चुका है)
बाईट:-- मोहम्मद इस्माईल (सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं स्थानीय निवासी)
महावीर विहार में जलभराव के चलते यहाँ मुख्य मार्गों पर लोगों को घुटनों घुटनों पानी से निकलकर जाना पड़ता है और स्कूली बच्चों को खासी मुश्किल पेश आती है... ऐसा नहीं हैं कि इनके लिए प्रशासन ने सुनवाई नहीं की... इनकी गुहार सुनकर बरसात के दिनों में स्थानीय एसडीएम् ने यहाँ का दौरा किया था और महावीर विहार में तुरंत मलबा डालकर गड्ढों को भरवाने का आदेश भी दिया था... लेकिन उनके आदेश को भी कहीं ठन्डे बसते में दबा दिया गया लगता है....
बाईट:-- वालुल (स्थानीय निवासी)
पिछले चार महीनों से महवीर विहार में बरसाती पाने के जमावड़े को हटाने के लिए यहाँ के लोगों ने जी जान से प्रयास किये मगर सफलता नहीं मिली... दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम और सभी नेताओं के यहाँ चक्कर लगाने के बावजूद उनके यहाँ भरे बरसाती पानी को किसी ने भी निकलवाने में मदद नहीं की बल्कि उलटे ही बातें सुनने को मिली... कम पढ़े लिखे गरीब मजदूर लोगों की कोलोनी महावीर विहार में कई बच्चे डेंगू ,, मलेरिया ,,, और अन्य बीमारियों का शिकार हो चुके हैं... अपने जीवन को संकट में डालकर नारकीय जीवन जीने वाले महावीर विहार के लोगों के आशियाने धीरे धीरे जलभराव के कारण ढह रहे हैं और दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकार खामोश हाथ पर हाथ रखे तमाशा देख रहे हैं... शायद गरीबों की सुनवाई के लिए ऊपर वाले के दरबार में भी कोई जगह नहीं हैं....
अनील अत्री दिल्ली ..........

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