Thursday, February 25, 2010

इस हॉल में पकाया जा रहा ये खाना किसी रेस्टोरेनट का सीन नहीं.. न ही किसी पार्टी या कार्यक्रम के खाने की तैयारी..

खाना बनाना.. ढ़ग से सफाई करना.. अपना नाम लिखना... प्रोडक्ट की डेट... एक्सप्रेरी डेट .. प्रोडेक्ट का नाम आदि जानना.. अपनी जन्म तिथि लिखना... अगूंठा लगाने वाली महिलाएँ सिग्नेचर करने लगे...वो भी घरों में काम करने वाली डोमेस्टीक वोमेन ... इस महँगाई में मालिक काम से खुश हो ओर तनख्वाहा बढ़ा दे.. वो भी दुगुनी तक कर दें... तो चोकिएगा नहीं क्योंकि एसा कर दिखाया है अशोक विहार , आदर्श नगर , मॉडल टाउन , रोहणी में काम करने वाली धरेलू नौकरानियों ने जो ले रही हैं जहाँगीरपुरी में ये ट्रेनिंग ....घरों में काम करने वाली डोमेस्टीक वोमेन यदि घरेलू काम की ट्रेनिंग ले ... पढ़ना लिखना सिखे तो कम बड़ी उपलब्धि नहीं.. एक तो काम पर जाना दूसरा जहाँ काम करती हो उन लोगों को भी मनाना कि वे उन्हें इस काम के लिए थोड़ा टाइम देदे... इस तरह धरों में काम करने वाली 100 महिलाएँ दिल्ली के जहाँगीरपुरी में सप्ताह में एक दिन सिख रही हैं ये सब वो भी 6 महिने से... देखिए सहारा समय की ये रिपोर्ट.... वी0 ओ0 1 इस हॉल में पकाया जा रहा ये खाना किसी रेस्टोरेनट का सीन नहीं.. न ही किसी पार्टी या कार्यक्रम के खाने की तैयारी.. साथ ही इस हॉल में देखिए कुछ महिलाएँ कुछ लिख रही हैं .. यहाँ आज चल रहे हैं ये इक्जाम .. इक्जाम है पढ़ाई के साथ - साथ खाने-पीने, साफ-सफाई का... इक्जाम देने वाली हैं ये धरों में काम करने वाली महिलाएँ। ये 6 महिने से ले रही है यहाँ ट्रेनिंग आज इनका पहले चरण का पेपर है... पेपर के बाद ये जाँचा जाएगा कि किस महिला को कितनी ट्रेनिंग और चाहिए..। ये महिलाएँ रोहणी, मॉडल टाउन , अशोक विहार , आदर्श नगर एरिया के धरों में काम करती हैं.. और इनका रहन सहन इन्हीं इलाकों के आस पास बनी झुग्गियों में हैं।.. इन महिलाओं की हिम्मत , जज्बा देखिये , इनकी लगन देखिये ये इस काम से समय निकाल यहाँ ये सब सिख रही हैं.. ये सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को ट्रेनिंग लेती हैं... छे महिने से ये महिलाओं का ग्रुप ट्रेनिंग ले रहा है इन महिलाओं ने आज खाने .पिलाने के ढ़ग, साफ सफाई, गेस्ट सर्वे ये सब सिख लिया है... और आज बेहद खुश हैं... इस महिला ............................. को देखिये आज ये बेहद खुश है क्योंकि इसके मालिक ने इनके काम को देख इनकी सेलरी दुगुनी कर दी........ बाइट - शोभा ( धरेलू नौकरानी ) वी0 ओ0 2 यहि स्थिति इस गंगा देवी नाम की महिला की है आज ये भी यह सब सिख बेहद खुश है.... और इन्हें ये सब सिखाने वाले ग्रुप का शुक्रिया करती है.... ये देखये ये कैसे सोफे को साफ करना सिख रही है.. अपना नाम लिखना... प्रोडक्ट की डेट... एक्सप्रेरी डेट .. प्रोडेक्ट का नाम आदि जानना.. भी ये सिख गई है.... देखिये कितने ध्यान से ये प्रोडक्ट का नाम व डेट पढ़ रही हैं.... इससे इनका परिवार भी खुश है... इनका कहना है कि यहिं आकर इमने ये सब सिखा है............ बाइट - गंगा देवी ( धरेलू नौकरानी ) वी0 ओ0 3 इन्हें ये सब ट्रेनिंग दे रहा है जहाँगीरपुरी में एक ग्रुप... वो भी बिना किसी फिस के .... बल्कि ये ग्रुप झुग्गी बस्तियों में जाकर लोगों को इस काम के लिए प्रेरित करती हैं... इन्हें सिखाने वाली टीचर काफी सन्तुष्ट है.. और इनकी लगन व सिखे गये काम से काफी खुश है... ये इस काम को कठिन जरुर मानती हैं.... बाइट सुमन ..... ( टीचर ) वी0 ओ0 4 अब जरुरत है और महिलाएँ भी इनसे प्रेरणा लेकर आगे आएं और इस तरह के संगठन आगे आकर पूरी दिल्ली में इस तरह का अभियान छेड़ें... अनिल अत्री सहारा न्यूज़ ब्युरो पैकेज 2 स्टोरी - इन महिलाओं की इस कामयाबी में उन लोगों का भी कम योगदान नहिं जिन्होंने इन्हें इस काम के लिए छुट्टी दी प्रेरित किया.... हौंसला बढ़ाया.... जहाँ ये महिलाएँ काम करती हैं उन लोगों ने भी पूरा सहयोग दिया... इन्हें यहाँ पढ़ने आने की छुट जो दी.. इन महिलाओं को ट्रेनिंग देने वाला ग्रुप पहले उन आर0 डब्लू0 ए0 से मिला जहाँ ये महिलाएँ काम करती हैं... इस ग्रुप ने पहले आर0 डब्लू0 ए0 को इस काम के लिए सहमत किया कि वे इस काम में इन महिलाओं का सहयोग करें .. और सप्ताह में एक दिन इन्हें कुछ घंटे पढ़ने व सिखने की इस क्लास के लिए छुट्टी दें... आर0 डब्लू0 ए0 इससे सहमत हुई और 100 के करीब ये महिलाएँ सामने आई.. बाईट - अरुण ग्रोवर ( शिक्षक ) अब ये आर0 डब्लू0 ए0 के लोग भी इनकी कामयाबी देख काफी खुश हैं... अब इन महिलाओं को देख ये चाहते हैं कि इस तरह के कैम्प लगाने के लिए कई एन0 जी0 ओ0 सामने आए.. क्योंकि काफी महिलाएँ दूर होने की वजह से इन कैम्पों से वंचित रह जाती हैं..... इनका कहना है कि इस तरह के कैम्प सोसाइटी की चारदिवारी में ही लगे तो काफी अच्छा रहेगा..सिखने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ेगी.. हम आर0 डब्लू0 ए0 की तरफ से भी मदद करेंगे.... बाईट बबलेश शर्मा ( आर0 डब्लू0 ए0 मैम्बर.... डाउन मुछ ) कुछ आर0 डब्लू0 ए0 के लोगों का कहना है कि ये कैम्प उन झुग्गी झोपड़ियों के आस पास लगाये जाए जहाँ से ये महिलाएँ काम करने इन पोश इलाकों में आती हैं.. तो ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को फायदा होगा..... लेकिन इन महिलाओं की कामयाबी देख ये बेहद खुश हैं और इन कैम्प चालकों का शुक्रिया करते हैं.... बाईट रामनिवास ( आर0 डब्लू0 ए0 मैम्बर ) अब ये बात साफ है कि यदि मन में लगन हो तो कोई भी काम मुश्किल नह और न हि पढ़ने लिखने की कोई उम्र है.. जब चाहे इन्सान पढ़ , लिख , सिख सकता है... यहि उदाहरण इन महिलाओं ने समाज के सामने रखा है............. अनिल अत्री सहारा न्यूज़ ब्युरो

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