Thursday, December 3, 2015

देश की राजधानी दिल्ली में पोल्यूशन खतरे के लेवल से उपर पहुंचा .

देश की राजधानी दिल्ली में पोल्यूशन खतरे के लेवल से उपर पहुंचा .... कोर्ट से लेकर सरकारे चिंतित ...  इस पोल्यूशन को लेकर कई सालो से सरकारों को सलाह दे रहे और पोल्यूशन कम करने की लड़ाई लड़ रहे लोगो की दलीलों पर सरकारों ने नही दिया ध्यान ... RTI एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने कहा कार फ्री डे , स्कूलों की छुट्टी आदि मौजूदा कदम स्थाई समाधान नही .. जरूरत है स्थाई समाधान हो ... इसके कुछ स्थाई सुझावों के लिए लिख रहे है पत्र पर नही हुई कारवाई ... पर्यावरण वैज्ञानिक फयाज खुदसर ने भी सुझाए सुझाव और गिनाई कुछ योजनाओ की कमिया ...


वी ओ 1
देश की राजधानी दिल्ली में धुल और प्रदुषण का लेवल इतना बढ़ा है की सरकारे और कोर्ट से लेकर सब चिंता में है ... ये है बुराड़ी विधानसभा का संत नगर इलाका खुले में देखिये कैसे कूड़ा जल रहा है .. प्रदुषण की समस्या की चर्चा जोरो पर है इसके बावजूद भी खुलेआम कूड़ा जलाया जा रहा है ... यमुना बायो डायवर्सिटी पार्क के प्रमुख पर्यावरण वैज्ञानिक फयाज खुदसर ने कहा मौजूदा समस्या धुल कणों का वायु में मिलना है ... पर्यावरण वैज्ञानिक फयाज खुदसर ने कहा यहा के प्लान सही नही है ..प्लानों में कमी है .. आउटर रिंग रोड के किनारे पेड़ लगाये गये चार साल बाद पेड़ सडक फिर काटने पड़े ..योजन सौ साल को लेकर कम से कम बने पर दिल्ली में ये सडक योजना चार साल की भी नही थी ... साथ ही सडक किनारे धुल अपने उपर रोकने वाले पेड़ हो ... पानी के पानी की लाइने बड़ी सडको के किनारे से गुजारे और जगह जगह फ्व्हारे लगाये जो सुबह शाम पानी का छिडकाव सडको के किनारे करे जिससे बड़े ट्रको से धुल न उठ पाए ...
बाईट -- पर्यावरण वैज्ञानिक फयाज खुदसर
वी ओ 2
RTI एक्टिविस्ट हरपाल राणा  कई साल से सरकारों को सलाह दे रहे है और साथ में NCR प्लानर बोर्ड का सरकार का ही डाटा लिया है ये डाटा देखिये साफ़ बता रहा है देखिये डायग्राम सरकारी है दिल्ली में  फ्यूल आयल जो सौ प्रतिशत आता है उसका 49 प्रतिशत NCR या आसपास के इलाको में वापिस जाता है ... इसी तरह फल सब्जी जो सौ प्रतिशत दिल्ली में आई उसमे से 78 प्रतिशत वापिस आसपास के राज्यों में सप्लाई होती है ... आयरन और स्टील जो 100 प्रतिशत दिल्ली आया उसमे से 44 प्रतिशत वापिस बाहरी राज्यों में सप्लाई होता है .. जो सामग्री इतनी बड़ी मात्र में वापिस बाहर जानी है उसे दिल्ली में क्यों लाया गया फिर बाहर भेजा गया ..कितने हजार ट्रक इस वजह दिल्ली में इसे लाने के लिए घुसे फिर वही ह्जओर ट्रक वापिस ले जाने के लिए घुसे .. इन्हें पहले ही बाहर आसपास के राज्यों में रोका जाए वही से सप्लाई बाहर की बाहर हो .. इससे जुड़े लोग भी बाहर पलायन कर वहा जायेगे दुसरे हजारो ट्रको का वजन कम होगा ..
बाईट -- RTI एक्टिविस्ट हरपाल राणा
वी ओ 3
ऐसा नही अपने ये सुझाव RTI एक्टिविस्ट हरपाल राणा  ने सरकारों को नही बताये ये देखिये ये मनमोहन सरकार को भी इन मुद्दों को लेकर पत्र लिख चुके है .. आजादपुर मण्डी में हजारो ट्रक हर रोज आते है और मण्डी को आजादपुर की बजाय NH-1 पर फिफ्ट करने के लिए दिल्ली के ही खामपुर में कई एकड़ जमीन सरकार ने करीब बीस साल पहले ली पर मण्डी वहा आज तक क्यों नही सिफ्ट हुई .. इस बात को लेकर जैसे ही अरविन्द केजरीवाल की सरकार बनी तो ये देखिये ये लैटर RTI एक्टिविस्ट हरपाल राणा  ने तुरंत लिखा .. जिका जवाब आया और आश्वासन आया है पर अम्ल अभी तक कुछ भी नही हुआ ...
बाईट -- RTI एक्टिविस्ट हरपाल राणा
वी ओ 4
अब जरूरत है सरकारे इस मुद्दे पर जागे और गम्भीरता से ले .. साथ ही समाधान भी स्थाई हो अस्थाई नही .......

अनिल अत्री दिल्ली ........

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