Saturday, October 3, 2015

पिछले साल धान का रेट 3000 से 3500 प्रति क्विंटल था अबकी बार मात्र 1450 से 1500 किसान हुए मायुश

पिछले साल धान का रेट 3000 से 3500 प्रति क्विंटल था अबकी बार मात्र 1450 से 1500  किसान हुए मायुश
अनिल अत्री दिल्ली  
 -- पिछले साल से धान का रेट आधे से कम आ गया पर बाजारों में चावल आधे से भी कम रेट सस्ता होना तो दूर की बात पांच रुपये किलो भी सस्ता नही हुआ ।  पिछले साल धान का रेट 3000 से 3500 प्रति क्विंटल था अबकी बार मात्र 1450 से 1500 ....     देश का किसान इन दिनों धान की फसल के दामो को लेकर चिंता में है । धान की फसल की अभी शुरुआत हुई है पर सरकारी दाम से किसान मायुश हो गया है और धान की फसल की लागत तक पूरी होनी हुई मुश्किल । पिछले साल धान की फसल का रेट तीन हजार से पैतीस सौ के बीच रहा था पर अबकी बार सरकारी रेट मात्र पन्द्रह सौ तक होने से किसान मायुश । पिछले साल की तुलना में आधे से भी कम रेट मिलने से किसान दुखी पर लगता है किसानो की समस्या से सरकारो को नही कोई सरोकार ।

ये है दिल्ली के नरेला की अनान मण्डी । मण्डी एशिया की जानी मानी मण्डियों में से एक है । यहाँ दिल्ली के अलावा हरियाणा  पंजाब उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान फसल लेकर आते है । अब यहाँ धान की शुरुआत हुई है सरकारी रेट से किसान यहाँ ही नही बल्कि पूरे देश में परेशान है । पिछले साल तीन हजार रुपये से पैतीस सौ रुपये क्विंटल बिकने वाला धान अबकी बार चौदह सौ से पन्द्रह सौ मात्र के रेट बिक रहा है । इससे किसानो का खर्च और लागत भी पूरा नही हो पा रहा है । किसान आत्महत्या तक की धमकी देते इस नरेला अनाज मण्डी में मिले ।


बाईट  किसान
बाईट किसान
बाईट - किसान

अब खेती घाटे का कारोबार बन गई है । किसान अपनी ईस दशा पर रो रहा है।  इतने कम भाव का कारण मण्डी अधिकारी विदेशो में डिमांड कम होना और वैश्विक मंदी को मान रहे है । साथ ही ये भी मान रहे है की इस बार आधे से भी कम रेट मिलने के कारण आगे धान की फसल की बुआई किसान काफी कम करेगे ।
बाईट  उमेद सिंह  सचिव नरेला अनाज मण्डी।

धाम के भाव आधे से भी कम हो गए और मण्डी में धान की आज की आवक 34000 बोरी दोपहर तक की है और अभी आवक जारी है । अब यहाँ धान के भाव आधे से भी कम हो गए और किसान रो रहे है पर दुकानों पर रिटेल में भाव आधे ज्यादा कम होने तो दूर पांच रुपये भी कम नही हो रहे है जो किसानो के साथ साथ लोगो के साथ भी धोखा है ।।
अनिल अत्री दिल्ली

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