Saturday, September 13, 2014

दिल्ली नगर निगम के मेटरनिटी होम में पिछले छे महीनो से नहीं हुई एक भी डिलीवरी






बाहरी दिल्ली के बख्तावरपुर में बने  दिल्ली नगर निगम के मेटरनिटी होम में पिछले छे महीनो से नहीं हुई एक भी डिलीवरी ..दर्जनों गावो के लिए बना है ये मेटरनिटी होम .... आलिशान बिल्डिंग में बने इस मेटरनिटी होम में करीब आध दर्जन स्टाफ हर महीने ले रहा है लाखो  की सेलरी .. पिछले छे महीने से डिलीवरी के इस होम में लेडी डॉ ही नहीं है .. बाकी चपरासी , नर्स , वार्ड बॉय जैसे स्टाफ पर हो रहे है लाखो खर्च .. बिल्डिंग के उपरी दो मंजिल पर छे महीने से सफाई तक न होने से कई कई इंच रेत व् मलबा चढ़ा ..ग्रामीणों ने विरोध किया तो उत्तरी दिल्ली नगर निगम की हेल्थ कमिटी के चेयरमेन गुलाब सिंह राठौर ने दौरा किया तो वे भी ये सब देख हैरान थे और चेयरमेंन ने कहा सफाई कर्मियों पर होगी निश्चित रू से कारवाई और पानी आदि की भी सुविधा का भी अभाव माना .. और ग्रामीणों को जल्दी सुधार के साथ साथ जिम्मेदार लोगो के खिलाफ कारवाई का दिया आश्वाशन  ... मेटरनिटी होम की उपरी मंजिल पर बिल्ली  , सांप , चंमगादड़, कबूतरों की भरमार ... पानी की टंकिया खाली ... यहा सुविधा न होने से यहा के दर्जनों गावो के लोगो को बीस किलोमीटर दूर बाड़ा हिंदूराव या रोहिणी के बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल में पड़ता है जाना .........
वी ओ 1
ये है बाहरी दिल्ली के बख्तावरपुर में बना दिल्ली नगर निगम का मेटरनिटी होम .. यहा आसपास के दर्जनों गावो की सुविधा के लिए ये मेटरनिटी होम बनाया गया था ताकि गावो के महिलाओं को डिलीवरी के लिए ज्यादा दूर न भागना पड़े .. पर इसके हालात कई सालो से बदतर है .. तीन मंजिला आलीशान बिल्डिंग बनी है जिसमे एक अस्पताल तक चलाया जा सकता है .. पर या डिलीवरी का रिकोर्ड देखकर आप हैरान हो जायेगे ...यहा एक साल में मात्र तीन महिलाओं की डिलीवरी हुई ..और पिछले छे महीने में तो एक भी डिलीवरी नहीं ...छे महीने से मेटरनिटी होम में महिला डॉ ही नहीं है .. छे महीने पहले महिला डॉ की ट्रांसफर हुई तो दूसरी महिला डॉ आई ही नहीं नहीं .. और मेटरनिटी होम में बाकी कर्मचारियों की लाखो की सेलरी हर महीने से निगम से आ रही है और काम का रिजल्ट जीरो है ...
बाईट - सुमित चौहान स्थानीय निवासी  पहचान लाल टी शर्ट ..
वी ओ 2
स्टाफ ही नहीं यहा जो स्टाफ है वो भी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा .. बिल्डिंग के निचे के पोर्शन को छोडकर उपरी मंजिलो पर करीब छे महीने से सफाई ही नहीं की गई .. ये देखिये पक्षियों का मलबा .. कूड़े के ढेर .. गंदगी ..इससे साफ दिखाई  दे रहा है की ये सब एक दिन का नही बल्कि महीनों से जमा है ये सब .. टॉयलेट के हालात देखिये .. ये देखिये वाशवेसन को डस्टबीन बनाया है ..पानी की टंकिया खाली है ... ओपरेशन थियेटर का सालो से यूज नहीं हुआ है .. मेटरनिटी होम में ये नया सामान आया तो काम नहीं तो जरूरत भी नही नया सामान सालो से इस स्टोर में पड़ा है और उसके खुले हिस्से पर हवा लगने से देखिये जंग लगना शुरू हो गया ..  उपर दीवारों से पलस्तर झड रहा है ...बिजली की तारे खुली है ... साप बिल्ली कबूतर जैसे पक्षियों और जानवरों ने इसे अपना घर बना लिया ....
बाईट -जोगिद्र मान  स्थानीय निवासी पहचान- सफेद कुर्ता पायजामा ..
बाईट -पवन स्थानीय निवासी

वी ओ 3
इसकी शिकायत उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हेल्थ कमिटी के चेयरमेन गुलाब सिंह राठौर को भी की गई ..वे खुद दौरे पर आये तो सब देखकर हैरान थे ..चेयरमेंन साहब दो बजे मेटरनिटी होम में पहुंचे तो मोर्निग का स्टाफ जिसकी डयूटी दो बजे तक थी वे मेटरनिटी होम से जा चुके थे और नया इवनिंग का स्टाफ मिला .. गंदगी मिली ..बिजली की तारे खुली मिली .. चमगादड़ , बिल्ली कबूतर मिले पर मरीज एक भी नहीं डॉ भी नही ..पता किया तो चेयरमेन साहब को बताया गया की पिछले छे महीने से एक भी मरीज नहीं आया .. मरीज आये भी कैसे मेटरनिटी होम में पिछले छे महीने से लेडी डॉ ही नहीं ... और उससे पहले की भी दर देखिये एक साल में मात्र तीन डिलीवरी .. ये आंकड़ा सबको हैरान करने वाला है ... चेयरएमेंन साहब ने खुद देखिये पूरे हालात देखे ... बंद टॉयलेट देखे ..गंदगी देखि और कहा की सफाई के लिए जिम्मेदार शख्स पर निश्चित रूप से कारवाई होगी ..बाकी कामो में सुधार होगा ..
बाईट - गुलाब सिंह राठौर ( चेयरमेन हेल्थ कमेटी उत्तरी दिल्ली नगर निगम )
वी ओ 4
अब यहा सुधार के लिए आश्वासन मिला है देखने वाली बात होगी की इस पर कब तक अम्ल होगा .. बाकी यदि ये मेटरनिटी होम सुचारू रूप से चला तो आसपास के दर्जनों गावो को और दर्जनों कालोनियों के लाखो लोगो को फायदा होगा और उन्हें दूर दराज के अस्पतालों में नहीं भागना पड़ेगा और अंदर के अस्पतालों पर भी भार नहीं बढ़ेगा ........................
अनिल अत्री दिल्ली .............


No comments:

Post a Comment