सीखो के गाव के बच्चो को माँ बोली गुरुमुखी पढनी लिखनी तक नहीं आती .. स्कूल में पंजाबी भाषा का सब्जेक्ट व टीचर नहीं और गुरुद्वारे में भी पंजाबी नहीं सिखाई जाती .. ..सरकार के साथ साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी व् पंजाबी एकेडमी से भी कर रहे है अरदास .. हमें सिखाओ गुरुमुखी ...
एंकर -
वी ओ 1
ये है दिल्ली का झंगोला गाव .. झंगोला गाव 1950 से बसा है और झंगोला गाव उन दो गावो में एक है जो पूरे गाव सरदार परिवारों के है .. पूरा गाव सरकार कम्युनिटी का है .. पर विकास कार्यो से अछूता रहा है .. गाव में अधिकतर लोग कम पढ़े लिखे है और यमुना किनारे खेती करते है ..इसलिए पांच हजार से ज्यादा आबादी के गाव में मात्र प्राइमरी तक का स्कूल है ... पन्द्रह साल पहले गाव के स्कूल में पंजाबी एकेडमी की तरफ से एक पंजाबी टीचर था जो बच्चो को माँ बोली गुरुमुखी लिखना पढना सिखाता था .. पर पन्द्रह साल पहले एकेडमी के वे टीचर गए तो पिछले पन्द्रह साल से यहा गाव में पंजाबी सिखाने के लिए कोई टीचर नहीं ..न ही स्कूल में कोई ऐसा सब्जेक्ट ... गाव पंजाबियों का स्कूल में करीब 90 प्रतिशत बच्चे पंजाबी फिर भी स्कूल में पंजाबी भाषा नहीं .. न ही पंजाबी का टीचर ... अब बच्चे पंजाबी भाषा बोलना तो परिवार में सिख गये पर माँ बोली गुरुमुखी को लिखना व् पढना इनके बच्चो को नहीं आता .. इनके बच्चे जब अपने सगे सबंधियो के गाव जाते है या पढकर बाहर पंजाबी कम्युनिटी में व्यापार व् नौकरी करने जाते है तो पंजाबी ने पढ़ व् लिख पाने से बेइज्जत मह्सुश करते है ... गाव के स्कूल में पंजाबी भाषा न होने का इन्हें काफी गम है ..
बाईट - कर्म सिंह ( स्थानीय निवासी पहचान ..गुलाबी पगड़ी में )
बाईट - स्थानीय निवासी ( नीली पगड़ी में ..)
वी ओ 2
ऐसा नहीं की गाव के लोगो ने यहा पंजाबी भाषा की मांग न की लोगो ने वक्त वक्त पर मांग की है ... शिक्षा मन्त्रियो से भी मिले है पर इनको सिर्फ आश्वासन मिला पंजाबी भाषा का सब्जेक्ट या टीचर नहीं ... गाव देहात के गरीब लोग दूर दराज के स्कूलों में जा नहीं सकते यही सरकारी स्कूल में पढना पड़ता है और स्कूल में पंजाबी भाषा न होने से ये लोग पंजावी भाषा लिखने पढने से वंचित रह जाते है ..गाव में ऐसा भी माहौल नहीं की गाव के गुरुद्वारे में ग्रन्थि साहब गुरुमुखी सिखाये ..यहाँ गुरुद्वारे में भी गुरुमुखी नहीं सिखाई जाती .. साथ ही ये लोग माँ बोली कायम रखने के लिए गाव के लोग सरकार के साथ साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी व् पंजाबी एकेडमी से भी गाव के स्कूल में माँ बोली गुरमुखी के अनुरोध कर रहे है ....
बाईट - कुलवंत सिंह ( स्थानीय निवासी )
वी ओ 3
ये गाव नरेला विधानसभा एरिया बिच आता है इस बारे में भाजपा के स्थानीय विधायक नीलदमन खत्री नाल गल की गई तो उनका कहना था की गाव में 99 प्रतिशत लोग पंजाबी है और स्कूल में पंजाबी भाषा होना उनका कानूनी हक़ भी है इसके लिए विधायक साहब ने कहा की वे शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलेगे और पूरे प्रयास होंगे की पंजाबी भाषा उस स्कूल में जरुर हो ..
बाईट - नीलदमन खत्री ( भाजपा विधायक नरेला )
वी ओ 4
अब जरूरत है की दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी , पंजाबी एकेडमी जैसी संस्थाए सामने आकर इस गाव की सुध ले केवल शहर तक ये संस्थाए सिमटकर न रहे .. इस तरह के देहात में इन संस्थाओं को काम करने की सबसे ज्यादा जरूरत है ... अब इस गाव को पंजाबी भाषा के विकास के लिए जुडी सस्थाओं से काफी आशाये है और देखने वाली बात होगी की कौन संस्था इनकी सुध लेती है ..
अनिल अत्री दिल्ली .........................
गाव सीखो का .. गाव की 99% पापुलेशन भी सीख धर्म की ..पर गाव के स्कूल में न पंजाबी भाषा न ही गुरुद्वारों में सिखाई जाती गुरुमुखी .. .. गाव के सिख बच्चे पंजाबी बोल तो लेते है पर पंजाबी पढ़ व लिख नहीं पा रहे है .. न सरकारो ने सुध ली न ही पंजाबी एकेडमी ने इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया .. गाव कही दूर देहात का नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली है .. गाव में में घर भी चुनिन्दा नहीं बल्कि तीन हजार से ज्यादा वोट इस गाव में है ..और बच्चे अलग ..लोगो को इस बात का दुःख की इनके बच्चे माँ बोली नहीं लिख व् पढ़ पा रहे है ...न ही गुरुद्वारे में ग्रन्थि कुछ उपराला कर पा रहे है .. माँ बोली कायम रखने के लिए गाव के लोग सरकार के साथ साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी व् पंजाबी एकेडमी से भी गाव के स्कूल में माँ बोली गुरमुखी के अनुरोध कर रहे है ....इस बारे में जब भाजपा के स्थानीय विधायक से बात की गई तो उनका कहना है की वे प्रयास करेगे यहाँ ही नहीं बल्कि जहा जहा पंजाबी परिवारो के बच्चे पढ़ते है वहा पंजाबी भाषा पढाई जाए ...
एंकर -
वी ओ 1
ये है दिल्ली का झंगोला गाव .. झंगोला गाव 1950 से बसा है और झंगोला गाव उन दो गावो में एक है जो पूरे गाव सरदार परिवारों के है .. पूरा गाव सरकार कम्युनिटी का है .. पर विकास कार्यो से अछूता रहा है .. गाव में अधिकतर लोग कम पढ़े लिखे है और यमुना किनारे खेती करते है ..इसलिए पांच हजार से ज्यादा आबादी के गाव में मात्र प्राइमरी तक का स्कूल है ... पन्द्रह साल पहले गाव के स्कूल में पंजाबी एकेडमी की तरफ से एक पंजाबी टीचर था जो बच्चो को माँ बोली गुरुमुखी लिखना पढना सिखाता था .. पर पन्द्रह साल पहले एकेडमी के वे टीचर गए तो पिछले पन्द्रह साल से यहा गाव में पंजाबी सिखाने के लिए कोई टीचर नहीं ..न ही स्कूल में कोई ऐसा सब्जेक्ट ... गाव पंजाबियों का स्कूल में करीब 90 प्रतिशत बच्चे पंजाबी फिर भी स्कूल में पंजाबी भाषा नहीं .. न ही पंजाबी का टीचर ... अब बच्चे पंजाबी भाषा बोलना तो परिवार में सिख गये पर माँ बोली गुरुमुखी को लिखना व् पढना इनके बच्चो को नहीं आता .. इनके बच्चे जब अपने सगे सबंधियो के गाव जाते है या पढकर बाहर पंजाबी कम्युनिटी में व्यापार व् नौकरी करने जाते है तो पंजाबी ने पढ़ व् लिख पाने से बेइज्जत मह्सुश करते है ... गाव के स्कूल में पंजाबी भाषा न होने का इन्हें काफी गम है ..
बाईट - कर्म सिंह ( स्थानीय निवासी पहचान ..गुलाबी पगड़ी में )
बाईट - स्थानीय निवासी ( नीली पगड़ी में ..)
वी ओ 2
ऐसा नहीं की गाव के लोगो ने यहा पंजाबी भाषा की मांग न की लोगो ने वक्त वक्त पर मांग की है ... शिक्षा मन्त्रियो से भी मिले है पर इनको सिर्फ आश्वासन मिला पंजाबी भाषा का सब्जेक्ट या टीचर नहीं ... गाव देहात के गरीब लोग दूर दराज के स्कूलों में जा नहीं सकते यही सरकारी स्कूल में पढना पड़ता है और स्कूल में पंजाबी भाषा न होने से ये लोग पंजावी भाषा लिखने पढने से वंचित रह जाते है ..गाव में ऐसा भी माहौल नहीं की गाव के गुरुद्वारे में ग्रन्थि साहब गुरुमुखी सिखाये ..यहाँ गुरुद्वारे में भी गुरुमुखी नहीं सिखाई जाती .. साथ ही ये लोग माँ बोली कायम रखने के लिए गाव के लोग सरकार के साथ साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी व् पंजाबी एकेडमी से भी गाव के स्कूल में माँ बोली गुरमुखी के अनुरोध कर रहे है ....
बाईट - कुलवंत सिंह ( स्थानीय निवासी )
वी ओ 3
ये गाव नरेला विधानसभा एरिया बिच आता है इस बारे में भाजपा के स्थानीय विधायक नीलदमन खत्री नाल गल की गई तो उनका कहना था की गाव में 99 प्रतिशत लोग पंजाबी है और स्कूल में पंजाबी भाषा होना उनका कानूनी हक़ भी है इसके लिए विधायक साहब ने कहा की वे शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलेगे और पूरे प्रयास होंगे की पंजाबी भाषा उस स्कूल में जरुर हो ..
बाईट - नीलदमन खत्री ( भाजपा विधायक नरेला )
वी ओ 4
अब जरूरत है की दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी , पंजाबी एकेडमी जैसी संस्थाए सामने आकर इस गाव की सुध ले केवल शहर तक ये संस्थाए सिमटकर न रहे .. इस तरह के देहात में इन संस्थाओं को काम करने की सबसे ज्यादा जरूरत है ... अब इस गाव को पंजाबी भाषा के विकास के लिए जुडी सस्थाओं से काफी आशाये है और देखने वाली बात होगी की कौन संस्था इनकी सुध लेती है ..
अनिल अत्री दिल्ली .........................
गाव सीखो का .. गाव की 99% पापुलेशन भी सीख धर्म की ..पर गाव के स्कूल में न पंजाबी भाषा न ही गुरुद्वारों में सिखाई जाती गुरुमुखी .. .. गाव के सिख बच्चे पंजाबी बोल तो लेते है पर पंजाबी पढ़ व लिख नहीं पा रहे है .. न सरकारो ने सुध ली न ही पंजाबी एकेडमी ने इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया .. गाव कही दूर देहात का नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली है .. गाव में में घर भी चुनिन्दा नहीं बल्कि तीन हजार से ज्यादा वोट इस गाव में है ..और बच्चे अलग ..लोगो को इस बात का दुःख की इनके बच्चे माँ बोली नहीं लिख व् पढ़ पा रहे है ...न ही गुरुद्वारे में ग्रन्थि कुछ उपराला कर पा रहे है .. माँ बोली कायम रखने के लिए गाव के लोग सरकार के साथ साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी व् पंजाबी एकेडमी से भी गाव के स्कूल में माँ बोली गुरमुखी के अनुरोध कर रहे है ....इस बारे में जब भाजपा के स्थानीय विधायक से बात की गई तो उनका कहना है की वे प्रयास करेगे यहाँ ही नहीं बल्कि जहा जहा पंजाबी परिवारो के बच्चे पढ़ते है वहा पंजाबी भाषा पढाई जाए ...
No comments:
Post a Comment