Saturday, February 4, 2012

दिल्ली में फिर एक माँ ने बच्ची को लावारिस छोड़ी


एंकर - दिल्ली में फिर एक माँ ने बच्ची को लावारिस छोड़ी ...नवजात बच्ची को छोडकर बच्ची कि माँ अस्पताल से फरार ..अस्पताल में दिया गया महीला का पता मिला गलत ....बच्ची ठीक हालत में नरेला के सत्यवादी हरिश्चंदर अस्पताल में भर्ती ..माँ का अभी तक कोई सुराग नही अस्पताल ने पुलिस को कि शिकायत .....
वी ओ 1 देखिये ये बच्ची कितनी प्यारी है ....चेहरे पर कितनी मुश्कान ....अब ये बच्ची बोल तो नही पा रही है पर अपनी माँ से ये सवाल मन ही मन जरूर कर रही होगी कि क्यों इनको जन्म लेते ही माँ ने त्याग दिया ....ये पूछ रही होगी कि माँ मेरा क्या कसूर था कि मुझे हन्म लेते ही अनाथ बना दिया .....माँ इसमें मेरा क्या कसूर है ....मेरा क्या यही कसूर है कि मेने माँ तेरी कोख से जन्म लिया ....अब इस बछ्ची को अपने माँ बाप का इन्तजार है ...दरअसल 2 फरवरी को रात दो बजे एक महीला डिलीवरी के इलाज के लिए आई और उसी रात अस्पताल में इस महीला कि डिलीवरी हुई ....महीला ने अपना नाम गुडिया दर्ज कराया ..इस महीला ने एक बच्ची को नोर्मल जन्म दिया और बच्ची भी पूरी तरह स्वस्थ .....तीन फरवरी कि शाम सात बजे गुडिया नाम कि ये महीला अचानक गायब हो गई ..अस्पताल ने तुरंत पुलिस को सुचना दी ..पुलिस ने गुडिया द्वारा लिखाए पते पर गुडिया को तलास किया लेकिन वो पता ही गलत मिला ..महीला ने पता ए बलोक होलम्बी कला House No 2546 लिखाया था जो गलत मिला ....अब चार फरवरी शाम तक भी बच्ची कि माँ का पता नही चल पाया है ...
बाईट - डॉ चंदर कान्त ( एम् एस सत्यवादी हरिस्चंदर अस्पताल ) - दो तारीख को ये महीला आई थी नोर्मल डिलीवरी हुई तीन कि शाम को अचानक गायब हो गई ....हमने तुरंत पुलिस को सुचना दी ...बच्ची बिल्कुल ठीक है नोर्मल है और अब नर्सरी कि भी जरूरत नही है ..
वी ओ 2 अब अस्पताल के सामने भी यही समस्या है कि अब बच्ची को अस्पताल कि जरूरत नही फिर भी बच्ची अस्पताल में भर्ती है .बच्ची को माँ कि जरूरत है पर माँ इस बच्ची कि गायब है ..अब तक पुलिस को भी बच्ची के परिवार का कोई सुराग नही मिला है ...अब अस्पताल भी पुलिस से लिखित रूप में ये अनुरोध कर रहा है कि वे इस बच्ची के माँ -बाप कि तलास कि जाये और यही माँ बाप नही मिल पाते तो इस बच्ची के आगे कैसे व कहा भेजा जाये ये सुनिश्चित करना जरूरी है ..अब अस्पताल बच्ची को कहा भेजे ..और यदि पुलिस खुद इस बच्ची को कही नही भेज पाती तो अस्पताल के NOC दे ताकि अस्पताल बच्ची को किसी अच्छे अनाथलय में भेज सके ..
बाईट - बाईट - डॉ चंदर कान्त ( एम् एस सत्यवादी हरिस्चंदर अस्पताल ) टेक्स्ट- हम अब पुलिस से ये रिक्वेस्ट करते है कि बच्ची के माँ -बाप कि तलास कि जाये और यही माँ बाप नही मिल पाते तो इस बच्ची के आगे कैसे व कहा भेजा जाये ये सुनिश्चित करना जरूरी है ..अब अस्पताल बच्ची को कहा भेजे ..और यदि पुलिस खुद इस बच्ची को कही नही भेज पाती तो अस्पताल के NOC दे ताकि अस्पताल बच्ची को किसी अच्छे अनाथलय में भेज सके ..
वी ओ 3 अब इसे समाज का गिरता सत्तर कहे या कुछ और क्योकि अकेली राजधानी में एक महीने के भीतर ही चौकाने वाले ये कई मामले सामने आये है बाहरी दिल्ली के ही बवाना में दो दिन पहले एक आशा नाम कि महीला ने अपनी दो मासूम जुडवा बच्ची तेज बहती नहर के किनारे छोड़ दी और फिर ये बच्ची नहर में जा गिरी थी और लोगों ने दोंनो बच्चियों को बचा लिया था ...दूसरी तरफ फलक भी जिन्दगी व मौत के बीच जूझ रही है .... अब ये देखने वाली बात ये होगी कि नरेला पुलिस बच्ची के परिजनों को तलास कर पाती है या नही ..और इस बच्ची का क्या भविष्य हो होगा ......
अनिल अत्री दिल्ली ..............

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