एंकर -राजधानी दिल्ली में लावारिश बची फलक का मामला पूरी तरह सुलझ भी नहीं पाया कि आज फिर बाहरी दिल्ली कि बवाना नहर के पास दो मासूम बच्चिया लावारिश अवस्था में मिली देखते ही देखते दोनों बच्चिया बवाना कि तेजी से बह रही नहर में जा गिरी ..
वीओ...कहते है जाको राखे साईंया मार सके न कोई ..जी हा ये कहावत इन दो मासूमो पर खरी उतरती है हॉस्पिटल में डॉक्टरो कि देखरेख में ये दो मासूम लेकिन इन्हें पैदा करने वाले कितने पत्थर दिल माँ बाप होगे जो इन्हें मारने के लिए नहर किनारे छोड़ कर चल दिये वो तो भला हो उन राहगिरो का जिनकी कामयाब कोशिस के बाद ये मासूम जिन्दा बच गई ..अब ये मासूम देखिये कितने प्यारे चेहरे है दोनों के ये दोनों बहने जुडवा है और ये बोलने के काबील नही क्योकि इनकी उम्र मात्र डेढ़ साल है ..यदि बोल पाती तो अपनी माँ से सवाल जरूर करती जिसने इन्हें नो महीने गर्भ में रखा और बाद में इतनी बेरहमी से लावारिस फ़ेंक दिया वो भी खतरनाक नहर के किनारे जो नहर बच्चे तो दूर दर्जनों गाडिया भी निगल चुकी है और ये बच्चिया इस नहर में जा भी गिरी पर गनीमत ये कि वहा एक महीला ने देखा और चिल्लकर लोगों को बुलाया और बचा लिया ..
बाईट.मुन्नी (.महिला )..हमने देखा कि बचिया किनारे से लुढ़क कर नहर में जा गिर और डूबने लगी हमने लोगो को पुकारा और नहर में बच्चियों को बचा लिया ..
वीओ.2 इस मुन्नी नाम कि महीला ने नहर के पास से गुजरते हुए इन दोनों बच्चियों को नहर में गिरते देखा और चिल्लाई और खुद इन मासूमों को बचानेनहर में कूद गई और एक बच्ची को निकाला तो साथ ही एक दूसरी राहगीर लडकी ने दूसरी ब्छ्ची को बचाया और दोनों ब्च्च्यों को बचा लिया तुरंत लोगों ने पुलिस को बुलाया ..इस वक्त तक बच्चियों के परिजनों का कोई पता नही था ..पुलिस तुरंत बच्चियों को पास के ही महर्षि बाल्मीकि अस्पताल में ले गई जहा दोनों बच्चिया ठीक है और डोक्टर बचियों का चेकअप कर रहे है और 24 घंटे तक डॉक्टरों कि देखरेख में ये बच्चिया रहेगी ..
बाईट..डोक्टर प्रकाश झा ( महर्षि बाल्मीकि हॉस्पिटल )टेक्स्ट - दोनों बच्चिया हामारी देखरेख में सुरक्षित है इन्हें मामूली खरोचे आई है हम बेहतर इलाज दे रहे है दोनों कि उम्रः डेड से दो साल के बिच है ..
वी ओ 3 जल्दी ही लोगों कि निशानदेही पर दिल्ली पुलिस ने बुधवार देर शाम को ही बच्ची कि माँ को दूंड निकाला ..बच्ची कि माँ आशा व पिता प्रमोद तिवारी है जो बवाना में ही रहते है ..इनके परिवार में चार लडकी व एक लड़का है दोनों छोटी बेटी अनुशिका व अनामिका जुडवा है जिनकी उम्र मात्र डेढ़ साल है और कुछ दिन पहले प्रमोद तिवारी किसी दूसरी महीला के साथ घर से फरार है और अकेली गरीब माँ इन पांच बच्चों का गुजरा नही कर पा रही थी ...इसी कारण इन बच्चियों कि माँ ने ही मौत के मुह में दोनों बच्चियों को फ़ेंक दिया ..अब पुलिस बच्चियों कि माँ आशा से पूछताछ कर रही है अभी तक पुलिस ने माँ के खिलाफ कोई मामला दर्ज नही किया है क्योकि पुलिस के सामने भी ये सवाल है कि यदि माँ को मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाता है तो इन पांच बच्चों का क्या होगा ..लेकिन गरीबी में मजबूर होकर माँ द्वारा अपने दो जिगर के टूकड़ों का इस तरह बहती नहर में फेंकना वास्तव में पूरे देश के लिए शर्म कि बात है ...हम कितनी ही तरक्की कि बाते करे पर इस तरह कि घटना पूरी पोल खोल देती है .. अनिल अत्री दिल्ली ...........
अनिल अत्री .....................
GOOD REPORTING
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