Sunday, April 24, 2011

मैं शनिवार को नर बलि देती हूँ






मै नर बलि देती हूँ ---मैं शनिवार को नर बलि देती हूँ ---अब तक मैं छ नर बलि दे चुकी हूँ ---ये सातवीं बलि दे रही थी ----ये कहना है उस महिला का जिसे भीड़ ने एक एक साल के बच्चे को गंदे पानी के तालाब में फैकते हुए पकड़ा और उसकी जम कर पिटाई कि -----ये बेहद सनसनीखेज मामला है राजधानी के भलस्वा थाने का ----जहाँ पुलिस ने उस महिला को गिरफ्तार कर लिया है ---
........ ये वही चुनरी है जिसमे लपेट कर इस एक साल के मासूम को पानी में फेंक कर बलि देने कि कोशिश कि गयी थी ----वक़्त लगभग रात के दस बजे का होगा ---जब कमलेश अपनी घर से बाहर निकली ---उस समय उसका एक साल का बेटा रो रहा था ----उसके बाद कमलेश अपने काम में मशगुल हो गयी और बेटे का ख्याल भी जाता रहा ---मगर जैसे ही उसे अपने बेटे का ख्याल आया वो पागलों कि तरह उसे ढूंढने लगी --- कमलेश ने बच्चे कि जानकारी के लिए शिला से पूछा मगर शीला हर बात का गोल मोल जबबा ही देती रही...तभी गली में शोर मचा कि एक लाल कपडे वाली औरत ने कसी बच्चे को तालाब में फैंक दिया..कुछ लोगों ने उसे निकला तो वह कमलेश के कलेजे का टुकड़ा निकला..

.................यह वही तालाब है जिसमें इस मासूम को तालाब में फैंका गया..इस मासूम कि किस्मत अच्छी थी कि उस समय तालाब के पास कुछ बच्चे टहल रहे थे..बच्चों ने लाल कपडे में शीला को कुछ लपेटकर ले जाते हुए देखा ... बच्चे कुछ दूर हुयी तो शीला ने उस लाल कपडे को पानी में फैंका और तेज़ी से भाग गयी...पानी से जब बच्चे कि आवाज आयी तो लड़कों ने पास जाकर देखा तो उन्हें कीचड़ यह जिंदगी और मोत से झूताता नजर आया...
35 साल कि शीला ने इस मासूम को तालाब में क्यों फैंका..? जब भीड़ ने महिला कि पिटाई कर इसका जाब पूछा तो सबके होश उड़ गयी..महिला ने लोगों को बताया कि वह शनिवार को नरबली देती है..अब तक 6 बलि दे चुकी है और यह सातवें थी..महिला ने भीड़ कि पिटाई के डर से यह सब कहा हो लेकिन उसका यह कमरा और तंत्र मन्त्र में उसके गहरे विश्वाश को दर्शा रहे है, वहीँ इस इलाके से पिछले काफी समय से बड़ी तादाद में गायब हो रहे रो बेमोट मार रहे बच्चे भीड़ के आरोपों को सच के नजदीक ला रहे है...महिला के न इस मासूम से कोइ रंजिस थी और इसके परिवार से..फिर उसने क्यों इसे तालाब में फैंका..? यह सवाल भी भीड़ का आरोपों का जबाब दे रहा है...लेकिन वहीँ भलस्वा थाना पुलिस का कहना है कि वह महिला के खिलाफ बच्चा ले जाने का मामला दर्ज कर रही है...21 वी सदी में दिल्ली जैसे शहर में भी अन्धविश्वाश कायम है चाहे वह भीड़ का हो या उस महिला का..यह घटना इसी घटना का प्रमाण है..
अनिल अत्री दिल्ली ...............

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2 comments:

  1. अंधविश्वास की जड़े बहुत गहरी हैं, लोग इससे अभी तक निजात नहीं पा सके हैं।

    इस दु्ष्कृत्य की जितनी भर्तस्ना की जाए उतनी कम है।

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  2. भलस्वा में औरत नर बली देते हुए पकड़ी गयी . उसको तो कानून के हिसाब से दंड मिल जायेगा . लेकिन जो लोग देश के रहनुमाओं का चोला पहन कर देश को बली का बकरा बना रहे है. भारत माता की इज्जत को सरे आम नीलम कर रहे है . क्या उनका भी कोई इलाज है ? हिन्दुस्तान में तो हर वक़्त किसी न किसी निर्दोष की बली दे जाती है और नेता उस पर अपनी रोटीयां सकते रहते है

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