Sunday, March 6, 2011

देश की सबसे हाई टेक पुलिस, दिल्ली पुलिस अब बन गयी है सबसे निकम्मी पुलिस


देश की सबसे हाई टेक पुलिस, दिल्ली पुलिस अब बन गयी है सबसे निकम्मी पुलिस -----ये पुलिस इतनी निकम्मी हो चुकी है की दिल्ली वालों की अमन शांति और सुरक्षा तो छोडिये, ये अब अपने जवानों की सुरक्षा से भी कतरा रही है ----इस पुलिस को निकम्मेपन का कुछ ऐसा चस्का लगा है की अपने ही कांस्टेबल के लापता होने की केवल शिकायत लेने में जिसमे उन्हें सिर्फ एक एप्लीकेशन जो प्रार्थी खुद लिख कर लता है पर मुहर लगाना था उसके लिए भी एक दिल्ली पुलिस के ही सिपाही को सुबह से शाम तक बेवजह में टालते रहे ---ये शर्मशार करने वाला मामला उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के मुखर्जी नगर थाने का है ---जहाँ SHO साहब अपने चेंबर में बैठ कर एक शख्स से घंटो फिजूल की बातें करते रहे मगर एक कांस्टेबल के लापता होने की शिकायत लेने के लिए उसके पुलिसिया भाई को बारह घंटे से भी ज्यादा थाने के चक्कर कटवाए -----
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-उदय का छोटा भाई वीरेंदर भी इसी दिल्ली पुलिस का मुलाजिम है ---और बतौर कांस्टेबल फर्स्ट बटालियन में तैनात है ----वीरेंदर इसी महीने की दो तारीख को अपने घर बागपत से ड्यूटी जाने के लिए निकला ----शाम को मुखर्जी नगर थाना इलाके के किन्ग्स वे कैम्प तक भी आया ---मगर अपनी ड्यूटी पर नहीं पंहुचा -----अगले दिन यानि की 3 मार्च को उदयवीर ने वीरेंदर को उसके मोबाइल पर फोन भी किया -----जिसमे वीरेंदर ने खुद के सलामत होने और दो तीन दिन की छुट्टी लेकर घर आने की बात बताई ----मगर उसके बाद से वीरेंदर का मोबाइल भी बंद हो गया ---और फिर उसका कोई पता नहीं चला ----
xxxxxxxxx वीरेंदर की कोई खबर ना मिलने पर उसके परिवारवालों ने उसे हर जगह ढूंढने की कोशिश की ---मगर हर जगह उन्हें निराशा ही हाथ लगी ---48 घंटों बाद भी उदय को जब वीरेंदर के बारे में कोई सुचना नहीं मिली तो उसने अपने डिपार्टमेंट दिल्ली पुलिस की मदत लेने के लिए थाना मुखर्जी नगर पहुच गया ----उदय को उम्मीद थी की डिपार्टमेंट उसकी पूरी मदत करेगा----- क्योंकि उदय खुद भी इसी दिल्ली पुलिस की नौकरी करता है और वीरेंदर भी दिल्ली पुलिस में ही तैनात था ----मगर उदय का दिल तब टूट गया जब मुखर्जी नगर थाने में उसे अपने भाई के लापता होने की शिकायत मात्र देने के लिए उसे 12 घंटे तक चक्कर कटवाए गए ----जिस डिपार्टमेंट के लिए उदय और वीरेंदर जैसे जवान किसी भी समय अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार रहते हैं वही डिपार्टमेंट उसके अपने जवान के गुमशुदा होने की शिकायत लेने में भी टालमटोल करता नजर आया ----उदय SHO से विनती करने गया तो SHO साहब अपने किसी दोस्त से घंटो इधर उधर की बातों में मसरूफ रहे मगर उदय की बातों के लए समय नहीं निकाल पाए---पुलिस का ये रूप देख कर तो अब लोग अपने बच्चे पुलिस में भर्ती नहीं होने की सलाह देने लगे हैं


Anil Atri

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