Thursday, February 24, 2011

खैर एक शताब्दी बाद ही सही सरकार ने कम के कम सोचना तो शुरू किया..






सरकार इतिहास के प्रति सवेदनशील होने का दम भरती है लेकीन देश कि राजधानी दिल्ली का सबसे ऐतिहासिक क्षण और दिल्ली के जन्म स्थान पर बने ऐतिहासिक पार्क कोरोनेशन पार्क के प्रति लापरवाह रही है..लेकीन लगता है दशकों बाद ही सही सरकार कुछ गंभीर ही नहीं देखती बल्कि कोरोनेशन पार्क कि ऐतिहासिक एमिहत को आम लोगों तक पहुचने कि कोशिस में जूट गयी है..आज एक एनजीओ एन दिल्ली सरकार के सहगोक से स्कूली बच्चों के साथ कोरोनेशन पार्क में हैरिटेज मार्च निकला और जंगल में तब्दील हो चुके पार्क में पिकनिक का आनद लिया..XXXXXXXXXXX
.................इन स्कूली बच्चों ने आज बुराड़ी के इस कोरोनेशन पार्क में जमकर मस्ती कि..कहने को तो यह हैरिटेज मार्च था..लेकीन इस पार्क का इतिहास और अहमियत का पता लगा तो इन बच्चों कि उत्सुकता और आनद और भी बढ गया... इसी स्थान पर तत्कालीन सम्राट जोर्ज पंचम की ताजपोशी 100 साल पहले हुयी थी.... लेकीन आज पार्क कि बदहाल मूर्तियाँ अपने इतिहास के साथ साथ अपनी बदहाली कि कहानी खुद कहती है...जिसे इन बच्चों ने आज नजदीक से जाना...कहने को तो यह एक स्मारक है लेकीन आज यह एक जंगल का रूप ले चुका है....इसके इतिहास और इसके प्राक्रतिक स्वरूप में इन छत्रों को खूब मजा आया...XXXXXXXXX
....................इस पार्क में खड़े इन स्तम्भों और मूर्तियों को देखर इन बच्चों में इन्हें जाने कि जिज्ञाषा दिखी..शायद यही मकसद भी था इस हैरिटेज मार्च का...उत्तरी दिल्ली स्थित कोरोनेशन पिलर मैदान में इन सभी मूर्तियों को स्थापित कर एक पर्यटक स्थल का रूप दिया जाना था...जिस पर सरकार आधी शताब्दी बीत जाने के बाग़ जागी है...और शहजनाबाद री डेवलपमेंट कोरोपोरेशन और दिल्ली सरकार ने मिलकर और स्कूलों को साथ लेकर हैरिटेज को के आन्दोलन कि तरह चलाने कि योजना बनाई है...यह हैरिटेज मार्च भी उसी का हिस्सा है ---XXXXXXXXXXX
...........इस पार्क के निर्माण में आज से करीब पेंतालिस साल पहले कुल 9 लाख पोंड के करीब खर्च हुआ --- इस पार्क में 6 लाख रियासतों के प्रमुखों ने यह धन एकाक्त्रित किया..ओर 6 लाख तत्कीन सरकार ने दिया...लेकीन आज इस पार्क की जेर्जर हालत इस बात को बयान करती है की सरकार की लापरवाही किसी योजना को किस हद तक ठन्डे बसते में डाल सकती है...खैर एक शताब्दी बाद ही सही सरकार ने कम के कम सोचना तो शुरू किया..और देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चों के माध्यम से यह शुरुआत रंग ला सकती है यह उम्मीद तो कि ही जानी चाहिए..

Anil Kumar Delhi......................





1 comment:

  1. बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|

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