Tuesday, October 26, 2010
खता किसी की सजा किसी को...
खता किसी की सजा किसी को... आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन के ठीक पास एक दुर्घटना में युवक की मोत क्या हुयी गुस्साई भीड़ ने वाहनों में तोड़फोड़ मचा दी....क्या बस क्या कार जो सामने आया भीड़ के गुस्से का शिकार हो गया...इनमें पुलिस की जिप्स्ती से लेकर चार लो फ्लोर बसें..और कई ब्लू लाइन बसें भी थी जो पथराव में भीड़ का शिकार बनी..भीड़ के गुस्से का कारन था की एक्सिडेंट करने के बाद टेम्पो चालक भाग रहा था जिसे कुछ युवकों ने पीछा कर बाईपास पर पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया...लोगों का कहना था की पुलिस ने उसे छोड़ दिया था....उमाकांत के शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज का आदर्श नगर पुलिस मामले की जाँच कर रही है...
ये आलिशान लो फ्लोर बसें इस भीड़ के गुस्से का शिकार हुयी है....इन पर जमकर पथराव हुआ है...लेकिन क्यों यह इन्हें अभी तक नहीं पता...किसी के आगे का सीसा टूटा है तो किसी के सईद और आगे दोनों का...इन लो फ्लोर बसों में यह ऐसी बस भी है जो कॉमन वेल्थ खेलों के लिए खासतौर पर लाया गया था..लेकिन अब इनके और ब्लू लाइन बस में कोइ फर्क नेहीं..दिल्ली के दिलेर जनता ने आलिशान और आम बस का फर्क ही मिटा दिया..दोपहर को इन बसों में बैठे लोग और ड्राईवर किसी तरह जान बचाकर भागे...खुद तो किसी तरह बच गयी लेकिन बसों के नुक्सान को नहीं बचा सके....पुलिस कर्मी भी बड़ी मुश्किल से भाग कर बच सके..लेकिन गाड़ी को ये भी नहीं बचा सके...
बाईट--- दलजीत ( लो फ्लोर बस ड्राईवर )
( हम पर अचानक पथराव हुआ..चार बसों के सीसे टूटें है..हम किसी तरह जान बचाकर भए है..हमें नहीं पता की क्या हुआ है...अब ठाणे आकर पता लगा है की किसी एक्सिडेंट को लेकर ये लगो भड़के थे और बसों पर पथराव किया..पुलिस की गाड़ी भी तोड़ दी..और बहुत गाड़ियों के सीसे टूटे है..)
बाईट---ड्राईवर पीसीआर
( हम पर पत्थर मरे.कोइ सुनाने को तैयार नहीं..मुझे भी अंदुरीनी चोटें आयें है...गाड़ी के सीसे टूट गए..)
जी हाँ खता किसी की सजा किसी की...एक टेम्पो चालक ने आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन के पास एक युवक को टक्कर ही नहीं मारी बल्कि भागने की भी कोशिश की..लेकिन कुछ युवको ने उसका पीछा कर उसे पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई कर पुलिस को सोप दिया..लेकिन पुलिस भी इसे छोड़ने की फिराक में थी...इस पर लोग भड़क गए..पुलिस के खिलाफ केवल यही शिकायत नहीं है...स्थानीय लोगो का कहना है की चौराहे पर आये दिन हादसे होतें है..और यहाँ ट्रेफिक सिग्नल की माग कई महीनो से लिखित रूप से की जा रही थी...लेकिन कोइ सुनाने को तैयार नहीं....आज उम्कांत नाम का युवक भी सड़क पार करते समय तेज गति से आ रहे टेम्पो का शिकार हो गया तो लोगो का भड़काना स्वभाविक ही था..
बाईट---रिंकू मर्तक का भाई
( मेरा भाई मंदिर में भादरे की पर्ची काट कर आ रहा था की सड़क पर तेज़ी से आर था चैम्पियन ने उसे टक्कर मार दी,,,और वह भाग गया...)
बाईट--- लल्ला ( स्थानीय युवक )
( वह भाग रहा था में उसका पीछा किया और उसे बाईपास के पास पकड़ लिया..ट्रेफिक जाम होने के कारन वह हाथ में आ गया..हमने उसकी पिटाई की..और पुलिस के हवाले कर दिया..)
इन लोगों के दावे पर भरोस करें तो कुछ सालों के दौरान ही इसी चोक पर रेड लाईट नहीं होने के कारन दर्जनों दुर्घटनाएं हो चुकी है और करीब आठ 10 लोग अपने जान गावं चुकें है..जाहिर है इनका गुसा अपनी जगह जायज है लेकिन उनके विरोध और गुस्से को जाहिर करने का तरीका उसे किसी भी हालत में ठीक नहीं ठहराया जा सकता...इस घटना ने साफ़ कर दिया है की दिल्ली में चाहे लाईट की समस्या हो या पानी की...पुलिस से नाराजगी हो या किसी और एजेंसी से...गुस्से का शिकार सडकों पर चलने वाले वाहन और वाहन चालक ही हो रहे है...सरकार ने ये आलिशान लो फ्लोर बसें सडकों पर उतार दी लेकिन दिल्ली में इनके माकूल ने सड़कें है और लोगों का मिजाज...खता किसी की भी हो सजा इन्हें ही मिलेगी तो इन्हें भी खतरा होते देर नहीं लगेगी...बहरहाल आदर्श नगर थाना पुलिस मामले की जाँच कर रही है...
अनील अत्री दिल्ली ...............
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