Wednesday, September 8, 2010
गांजे कि तस्करी वो भी पार्सल से...
गांजे कि तस्करी वो भी पार्सल से...पार्सल भी भारतीय डाक घर के पोस्टमन कि मिलीभगत से.. जी हाँ सुनाने में बेशक आपको अजीब लगी लेकीन यह सब हो रहा था देश कि राजधानी दिल्ली में...दिल्ली पुलिस कि क्राईम ब्रांच ने भारतीय डाक घर के एक पोस्टमन सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर एक ऐसे ही गैंग का भंडाफोड़ किया है जो काफी समय से गांजे कि तस्करी पार्सल के जरिये किया करते थे ओर दिल्ली में बुराड़ी, नथुपुरा , इब्राहिमपुर , जहाँगीर पुरी. वजीर पुर जे जे कोलोनी ओर एनसीआर में किया करते थे...पुलिस ने इनके कब्जे से 104 किलों गंजा जब्त किया है...ओर इस गिरोह कि नेटवर्क कि जडें खंगालने में लगी है..
भारतीय डाक विभाग का इस्तेमाल भी ड्रग्स कि तस्करी में आसानी से हो सकता है..? आप कुछ राय बनाएं इससे पहले इन चेहरों को देख लीजिये.. ये हैं सफी , जफर और बुराड़ी डाक खाने का डाकिया सतपाल मान , .दिल्ली पुलिस कि क्राईम ब्रांच ने इन लोगों को इसी तस्करी के आरोप में पकड़ा है...इनमें ये जनाब तो बुराड़ी डाक घर में पोस्टमन है..बाकि तीन उड़ीसा कि है जो डाक के द्वारा गंजा इस शक्श को भेजा करते थे...जहाँ से यह गंजा दिल्ली के बुराड़ी , नथुपुरा , इब्राहिमपुर , जहाँगीर पुरी, वजीर पुर जे जे कोलोनी, शाहबाद डेयरी , ओर अन्य पुनर्वास कोलोनियों में सप्लाई किये जाते थे...
बाईट---जोय टिर्की ( अतिरिक्त उपयुक्त क्राईम ब्रांच )
( उड़ीसा के ये बुराड़ी इलाके में पार्सल भेजा करते जहाँ एड्रेस फर्जी होता..बुराड़ी के में ही रहने वाले कुछ लोग खुद आकर इसे रिसीव करते ओर फिर इसे दिल्ली के शाहबाद. जहाँगीर पुरी. .........एनसीआर में सप्लाई करते..इसमें पोस्ट हर एक किलो पर 200 रुपये मिलते थे..)
तस्करी यह सारा खेल उड़ीसा से संचालित होता आर रहा था..कॉमन वेल्थ खेलों को देखते हुए पुलिस इस पर भी काम कर रही थी कि विदेशी मेहमानों कि संख्या को देखते हुयी दिल्ली में ड्रग्स कि तस्करी बैदे पैमाने पर हो सकती है...ओर एक इनपुट के बाद यह गैंग धरा गया...यह तो पुलिस कि किस्मत अच्छी थी कि उड़ीसा से गांजे कि खेप पार्सल से भेजने वाला गैंग भी दिल्ली में ही आया हुआ था..पुलिस को जानकारी मिली है कि यह गैंग बहुत बड़े पैमाने पर इस तरह कि तस्करी कर रहा है..दिल्ली कि पुनर्वास कोलोनियों. ओर अविध कोलोनियों के साथ साथ एनसीआर कि कुछ इलाकों में यह बहुत बड़े पैमाने पर सप्लाई कर रहा था...यहाँ इनकी खपत आसानी से हो जाती है..
बाईट---जोय टिर्की ( अतिरिक्त उपायुक्त क्राइम ब्रांच )
( इन इलाकों में अस्सानी के इस गांजे को बेचा जा सकता है..काफी बड़ा नेटवर्क है..उड़ीसा में बहुत बड़े पैमाने पर इसकी पैदवार होती है..)
दिल्ली में बुराड़ी डाक घर का कर्मचारी इससे मिला हुआ था..इसके साथ ही पुलिस डाक घर के सभी कागजात जब्त कर अन्य कर्मचारियों कि भूमिका कि भी जांच कर रही है...लेकीन जांच कि जरूत पुलिस कि भूमिका भी है..भला ऐसा कैसे हो सकता है कि इतनी बड़े पैमाने ओर तादाद में यह गंजा बुराड़ी, नथुपुरा , इब्राहिमपुर , जहाँगीर पुरी, शाहबाद दोलतपुर, वजीर पुर जे जे कोलोनी ओर अन्य पुनर्वास कोलोनियों में बेचा जाता है लेकीन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी...बहहाल पुलिस बेशक इसे अपनी बड़ी कामयाबी मान अपनी पीठ थपथपाए..लेकीन जब डाक विभाग ओर पुलिस विभाग कि साझेदारी ओर स्वीकारती से यदि तस्करी होती है यह कामयाबी भी बोनी ही दिखाई देती है..इसमें ये ख़ास बात हैं कि ये सब गांजे का इतना बड़ा कारोबार क्राइम टीम को मिला पर जिस इलाके में चल रहा था वहाँ कि लोकल पुलिस बुराड़ी थाना को इसकी खबर तक नही ..इससे साफ हैं कि लोकल पुलिस कि या तो मिलीभगत हैं या लापरवाही ...
अनील अत्तरी
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