Monday, September 6, 2010
रात एक चील पेड़ पर पतंग के मंजे में फस गयी
रात एक चील पेड़ पर पतंग के मंजे में फस गयी..जिसे निकालने के लिए फायर विभाग को पॉँच घंटे तक ओपरेशन चलाना पड़ा लेकीन कामयाबी फिर भी कोसों दूर थी...दमकल कि तीन गाड़ियाँ थी जिनमें ब्रंतो स्काई लिफ्ट भी थी लेकीन जगह न होने कारण 44 मीटर कि लम्बी लिफ्ट भी ऊँचे पेड़ तक नहीं पहुच पा रही थी...लेकीन तभी एक टेंट लाईट लगाने वाले मजदूर ने देखा ओर बन्दर कि तरह उस पर चढ़ ही नहीं गया बल्कि उस चील को निकाल भी लाया...चील काफी घायल हो चुकी थी जिसे वर्ल्ड लाईफ कि लिए काम कर रही एक एनजीओ ले गयी..
दमकल कि इन गाड़ियों ओर इस 44 फीट लम्बी ब्रानटो स्काई लिफ्ट को देखर यह तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि दमकल विभाग यहाँ कोई रेस्क्यू ओपरेशन में लगा है...जी हां यहाँ किसी कि जान बचाने के लिए एक एनजीओ ओर दमकल विभाग पिछले चार घंटों से अशोक विहार फेज-4 में लगा है...ओर वह जान है एक चील...जो रविवार दोपहर से रामलीला पार्क में के उचे सफेदे के पेड़ में फसी छटपटा रही थी...जिसके सूचना एक एनजीओ ने फायर को देर शाम करीब आठ बजे दी...लेकीन फायर कि गाड़ियाँ पार्क के अन्दर तक नहीं पहुच पा रही थी..लिहाज़ा पॉँच घंटो कि मेहनत के बाद भी रेस्क्यू टीम को कामयाबी नहीं मिल रही थी....सभी मायुश हो चुके थे...ओर इस ओपेराशन को सुबह शुरू करने का मन भी बना चुकी थे.. तभी एक टेंट हाउस बिजली का काम करने वाले मजूर ने इन सबको परेसान हालत में देख इसे पेड़ पर से उतार कर लाने कि पेशकश कि...ऊँचे सफेदे के पेड़ के अंतिम छोर पर करीब 70 फूट कि उचाई पर घने अँधेरे में जान खतरे से खाली नहीं था...फायर विभाग कुछ सोच पता इससे पहले ही शंकर नाम का मजदूर पेड़ पर बंदर कि तरह चढ़ गया..ओर केवल 15 मिनट में ही इस चील को नीचे उतार लाया...
बाईट--- शंकर लाल ( मजदूर ) ( मंदिर कि पेड़ों पर लगी लाईट कट गयी थी..में देखा कि सब परेसान है तो में ऊपर चढ़ गया ओर इसे उतार लाया..डर कहे का हमारा तो रोज का काम है..किसी कि जान बच गये हमें ख़ुशी है...)
वी-ओ-२ब्लैक काईट काफी घायल हो चुकी थी...पतंग के मंजे से उसके पंख घायल हो गये...करीब 12 घंटे से यह पेड़ मंजे में उलझ हुआ था..वाईड लाईफ में लगी एक एनजीओ ने अपने प्रयाश किये..कामयाबी नहीं मिली तो फायर को फोन किया गया..लेकीन वह भी पेड़ पर लटकी चील तक नहीं पहुच सकी...अब जब इस मजदूर ने इसे निक्काल दिया तो अपनी झेप मिटने के लिए फायर ऑफिसर ने तुरंत इस मजदूर को अपनी जेब से नगद ईनाम ही नहीं दिया बल्कि यह भी कहा कि वे इसे ईनाम देने के लिए अपने विभाग कि ओर से सिफारिश करेंगे...
बाईट---जिले सिंह ( फायर ऑफिसर )
( हमें 07 : 50 पर काल मिली थी कि अशोक विहार में एक पक्षी पेड़ पर फस गया है..ओर गाड़ियाँ भी आयी..हमने ब्रंतो स्काई लिफ्ट को भी काल कि..44 मीटर लिफ्ट भी वाहन तक नहीं पहुच सकी..हमने पब्लिक के दो लोगों कि मदद ली ओर इसे बचा लिया...)
बहहाल इस चील कि तो शायद जान बच जाये लेकीन शंकर नाम कि सी शख्स को ऊपर चढ़ते देख सभी कि जान सुख रही थी.. अँधेरे में कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था लेकीन शंकर फिर भी इसे आसानी से उतार लाया..अशोक विहार में हुए यह घटना केवल एक पक्षी के जान से जुडी घटना नहीं है...सवाल यह भी है कि इतने तामझाम के बाद भी दमकल के प्रयाशों का दम निकल गया लेकीन शंकर ने अपे दम पर इस चील को पेड़ से उतार कर देश के राजधानी दिल्ली में आपदा प्रबंधन को आईना देखा दिया है..
Anil Attri Delhi
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benevolent act
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