Sunday, May 30, 2010

एक ओपरेटर के ऑफिस में आग लगी..बड़े आराम से फायर आयी..

एक ओपरेटर के ऑफिस में आग लगी..बड़े आराम से फायर आयी..पुलिस पहुची और बहार से ही आग बुझाकर चलती बनी...दोनों में से किसी ने अन्दर जाकर देखने की जहमत नहीं उठाई...लेकिन सुबह जब लोगों ने दफ्तर में जाकर देखा तो वहां उन्हें एक जली हुयी लाश मिली...नरेला में हुयी यह घटना पुलिस और फायर प्रशासन की नियत और काबिलियत की पोल खोल रही है.. वी-ओ-१ नरेला के स्वतंत्र नगर में रात को जब आग...नरेला थाना पुलिस के अलावा फायर की दो गाड़ियाँ भी मोके पर पहुची...आग को बड़े हलके में लेकर उसे बहार से ही बड़े आराम से भुझाया और चलते बने...आग लगाने के क्या करण रहे इसकी जाँच करना दो दूर यह तक जानना जरूरी नहीं समझा की इस दफ्तर के अन्दर कहीं कोई इंसान तो नहीं...जब इस केबल ओपरेटर के साथ सुबह जब उसका हाल जानने पहुचे तो देखा उसमें तो एक व्यक्ति की लाश है..जो इतनी बुरी तरह जल गयी है की उसकी पहचान तक करना मुश्किल है..लोगों की मानें तो फायर विभाग के कर्मचारी आग बुझाने के दौरान आपस में ही लड़ रहे थे.. बाईट--- देवेन्द्र कुमार ( स्थानीय निवासी ) ( हमें हमारे चोकीदार ने बताया की उनकी दूकान में आग लगी है..फायर वाले इस बात पर लड़ रहे थे की आग कोन बुझाये...सुबह केबल के मालिक कप्तान ने बताया की उसमें आदमी परा पड़ा है...) वी-ओ-२ विकास देवेन्द्र नाम के केबल ओपरेटर का सब ओपरेटर था...जब सुबह आठ बजे उसके मुख्य ओपरेटर को इसकी सूचना दी गयी तो वे वह दूसरी मंजिल पर बने ऑफिस पंहुचा..तो देखा की विकाश का शव बुरी तरह जला हुआ था...विकाश के परिजन का रो रो कर बुरा हाल है..उन्हें उम्मीद भी नहीं थी की उसके बेटे की इतनी दर्दनाक मोत होगी की यही दफ्तर उसके लिए चिता बन जायेगा...इस घटना के बॉस से इलाके में प्रशासन के प्रति गुस्सा है....पुलिस और प्रशासन केवल मोके पर पहुचने की रस्म अदायगी करने पहुचे...ऐसे हादसों के दौरान अन्दर जाकर फौरी जांच की जहमत भी किसी ने नहीं उठाई....जो पुलिस और फायर के काम काज पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहा है....कमी उनकी नियत में थी या काबिलियत में अब यह तो वही जाने.. Anil Attri ...........

3 comments:

  1. पुलिस वालों को यह हमेशा समझना चाहिए की उनका काम सिर्फ डियूटी बजाना नहीं बल्कि उससे कहीं ऊपर इंसानियत,सत्य और न्याय की सहायता करना है ,लेकिन आज कोई भी इसको समझने को तैयार नहीं है ,यह बेहद शर्मनाक है |

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  2. आप वर्ड भेरिफिकेसन हटा दें तो अच्छा रहेगा कमेन्ट करने में /

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  3. ye indic hain ...ese hi likhti hai ....janaab itnaa taaim nhi hotaa hi unkaa milaan kare ..moke par bhi jaanaa hotaa hain .. ham english main likhte hain apne aap hindi banti han ...

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