Friday, October 2, 2009

जो तुम आ जाते एक बार

जो तुम आ जाते एक बार ।कितनी करूणा कितने संदेशपथ में बिछ जाते बन परागगाता प्राणों का तार तारअनुराग भरा उन्माद रागआँसू लेते वे पथ पखारजो तुम आ जाते एक
बार ।हंस उठते पल में आद्र नयनधुल जाता होठों से विषादछा जाता जीवन में बसंतलुट जाता चिर संचित विरागआँखें देतीं सर्वस्व वारजो तुम आ जाते एक बार ।-
महादेवी वर्मा

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर रचना ।
    ढेर सारी शुभकामनायें.

    SANJAY

    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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