Monday, September 21, 2015

देश की राजधानी दिल्ली में 27 दिन बाद मुर्दा हुआ ज़िंदा .... जिसका 27 दिन पहले पोस्ट मार्टम हुआ .. पुलिस ने शव परिजनों को सौपा और अंतिम संस्कार कर दिया गया

देश की राजधानी दिल्ली में 27 दिन बाद मुर्दा हुआ ज़िंदा .... जिसका 27 दिन पहले पोस्ट मार्टम हुआ .. पुलिस ने शव परिजनों को सौपा और अंतिम संस्कार कर दिया गया ... अस्थिया गढ़ गंगा में बहा दी गई और तेरह दिन तक सब रस्मे हुई ... सभी रिश्तेदार आये .. पूरे परिवार को शोक था .. पूरी कालोनी ने शव को देखा और अंतिम संस्कार किया पर जब एकाएक वही युवक 27 दिन बाद अब घर वापिस आया तो पडोस की महिला तो बेहोश हो गई ... पूरा इलाका हैरान .. घर पर भारी भीड़ .. जो लोग पहले अंतिम संस्कार और शोक प्रकट करने आये वही लोग अब उसी शख्स को देखने को आ रहे है ..  अब सवाल कई खड़े हो गये यदि ये लडका ज़िंदा है तो अंतिम संस्कार किसका कर दिया ... पुलिस ने किसका शव इनको दे दिया .. पोस्टमार्टम के रिकॉर्ड जिनको मार चुके है और शमशान घाट का रिकॉर्ड भी जिसका दाह संस्कार कर चूका है .पर वो शख्स अचानक ज़िंदा आ गया तो सब हैरान है ..बाहरी जिला DCP विक्रमजीत सिंह का कहना की ऐसा मामला आया है इसकी जांच कर रहे है ... 
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ये है बाहरी दिल्ली का बादली इलाका .. यहा तेईस अगस्त को कुछ चोरो के पीछे लोग भागे और एक चोर को पकड़ लिया ... लोगो ने चोर को पहचान लिया उसी इलाके में कुछ गली दूर का 30 साल का अवधेश था .. अवधेश को पब्लिक ने इतना मारा की उसकी मौत हो गई ... अवधेश के परिजन और पड़ोसी आये सभी ने अच्छी तरह पलट पलटकर देखा की अवधेश ही है ... अवधेश के शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले गई .. पोस्ट मार्टम के वक्त पुलिस ने शिनाख्त करवाई .. अवधेश के हाथ ही तर्जनी ऊँगली कटी थी और पांच पर निशाना था ... डेड बॉडी की भी हाथ की ऊँगली कटी थी और पाँव पर निशाँन था .. परिजन शव को लेकर घर आये .. और विधिपूर्वक शव के अंतिम संस्कार की तैयारी हुई सभी ने अवधेश के शव को अच्छी तरह देखा ....पुलिस ने अज्ञात लोगो के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर शव परिजनों को दे दिया ..  ये देखिये पोस्टमार्टम के कागजात ..ये देखिये शमशान घाट की इनकी रसीद पोस्टमार्टम के रिकॉर्ड जिनको मार चुके है और शमशान घाट का रिकॉर्ड भी जिसका दाह संस्कार कर चूका है .पर वो शख्स अचानक ज़िंदा आ गया तो सब हैरान है ..
बाईट -- रामकुमार ( शमशान घाट केयरटेकर )
बाईट - पड़ोसी
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शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया .. कर्म  सिंह बेटे की मौत से बहुत दुखी थे .. पूरा परिवार दुखी था ..कर्म सिंह का आचार का कारोबार है और बेटा अवधेश ट्रक ड्राईवर था ... अवधेश की मौत की खबर पर सभी रिश्तेदार घर पर शोक प्रकट करने आये .. पूरा क्रिया कर्म किया गया और अवधेश की अस्थिया गढ़ गंगा जाकर गंगाजल में विसर्जित कर दी गई .. और गरीब परिवार के बीस हजार खर्च हो गये और शोक में अलग डूबे रहे ..तेरह दिन तक काम छोडकर शोक प्रकट किया ..
बाईट - कर्म सिंह ( अवधेश के पिताजी )
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अब 27 दिन बाद 18 सितम्बर की शाम करीब साधे सात बजे अवधेश अचानक वापिस आ गया रास्ते में जिसने भी देखा वे भूत समझकर भागने लगे .. किसी पडोस के साथी को आवाज दी तो उसकी पत्नी ने देखा और डर गई तभी उसने कहा में भूत नही अवधेश ही हूँ .. तब महिला ने कहा अपनी ऊँगली कटा हाथ दिखाइये और देखा ऊँगली कटी है और जिसका अंतिम संस्कार किया  उसकी भी ऊँगली कटी थी और महिला ने खुद शव देखा था और बेहोश हो गई अभी तक बुखार है ..
बाईट - पड़ोसी ( डरी शमी महिला का पति .) .
वी ओ 4
जब अवधेश घर आया तो कुछ विशावश नही हुआ ,,पूरा अपरिवर चौक गया .. कहा तू मर गया था हमने खुद अंतिम संस्कार किया .. पर अवधेश कहता रहा वो भूत नही बल्कि ज़िंदा है .. और ट्रक ड्राईवर था और बताया लखनऊ ट्रक पर ड्राईवर बनकर गया था और कोई फोन सतह नही रखता .. अब वापिस आया हूँ ..
बाईट .. अवधेश ( मृतक.. समझा शख्स )
बाईट -- कर्म सिंह ( अवधेश के पिताजी )
वी ओ 5
अब दिल्ली पुलिस का कहना है की डेड बॉडी शिनाख्त के बाद दी गई थी अब लडका वापिस आया है इसकी जांच कर रहे है ..
बाईट - विक्रमजीत सिंह DCP बाहरी जिला .
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अब लड़का वापिस आ गया तो परिजन खुश है ..लोग अवधेश को देखने आ रहे है ..बादली थाना पुलिस भी हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन कर रही थी और पुलिस ने कैसे पूरी वेरिफिकेशन के बिना ये शव इस परिवार को दे दिया .. अवधेश जिन्दा है तो अंतिम संस्कार किसका कर दिया गया ..प्रश्न कई खड़े है जिनका जवाब पुलिस को भी देना होगा ..
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अनिल अत्री दिल्ली ..

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