नरेला विधानसभा में बदहाल खेल परिसर ... विधायक साहब ने माँगा स्टेडियम ..
एंकर - बाहरी दिल्ली के नरेला विधानसभा में पन्द्रह साल पहले बनने शुरू हुए खेल परिसर आज भी पूरी तरह नहीं बन पाए ..उस वक्त जो पैसा इन परिसरों पर लगा आज वो पैसा भी बर्बाद नजर आ रहा है .. पन्द्रह साल से सिर्फ चारदीवारी ही इन परिसरों की बनी .. एक परिसर में दो से तीन कमरे बने तो आज उन कमरों की खिड़की दरवाजे बिजली की तारे सब गायब है और ये परिसर नशेबाजो के ठिकाने बन चुके है .. परिसर में बड़ी बड़ी घास है खेल की कोई सुविधा नही .. न ही कोई कोच या ट्रेनर ... इलाके में में कई राष्ट्रिय व् अंतरराष्ट्रीय पहलवान है .. अब यहा के पहलवानों की शिकायत है की उन्हें यहाँ कच्ची धरती पर रेत पर खेलना पड़ता है .. रेत पर दौड़ लगानी पडती है पर जब वे कम्पीटिशन में जाते है तो उन्हें वहा मेट पर कुश्ती आदि लडनी पडती है ..सिंथेटीक ट्रेक पर दौड़ना पड़ता है और यहाँ अभ्यास रेट का होता है और इस कारण वे गोल्ड लाने में कई बार चुक जाते है .. अब नरेला के विधायक ने कहा की वे इस मुद्दे को उठाए हुए है और अधिकारियों से लेकर उपराज्यपाल से भी मुलाक़ात की .. साथ ही नरेला में करीब सौ बीघे के तालाब को स्टेडियम बनाने की मांग को लेकर कोशिश में जुटे है ..कांग्रेस ने पन्द्रह साल में इनकी कोई संभाल नहीं की न काम किया लोगो को अब भाजपा के नए विधायक व् सांसद से आश जगी है ..
वी ओ 1 नरेला विधानसभा में दो खेल परिसर है पहला नरेला सबसिटी में तो दूसरा बाकनेर गाव में और दोनों ही बदहाल है .. ये है नरेला विधानसभा के बाकनेर गाव का खेल परिसर ..खेल परिसर का काम पन्द्रह साल पहले शुरू हुआ था ... उस वक्त परिसर की चारदीवारी बनी और ये दो कमरे भी बने .. लेकिन लगातार पन्द्रह साल बीत गये किसी भी सरकार या अधिकारियों ने इसे नहीं संभाला ..यहा बिल्डिंग जर्जर हो गई .. लोग कमरों के दरवाजे उतार ले गये ..बिजली पंखे उखाड़ ले गये ..खिडकियों की लोहे की ग्रील तक चोर उखाड़ कर ले गये ..शराबियो व् नशेड़ियो को एक अच्छा अड्डा मिल गया ..अब यहाँ खिलाड़ी प्रेक्टिस नहीं बल्कि नशेडी निवास करते है .. बड़ी बड़ी घास बदहाली सामने है .. बोर्ड के नाम तक मिट गये ... अब लोग इन स्टेडियम की बर्बादी पर नाराज है . यह इस एरिया में कई नैशनल व इंटरनैशनल खिलाड़ी है ... इन खिलाडियों को भी इन खेल परिसरों की बदहाली की शिकायत है .. इनका कहना है की हमारे बच्चो को सुविधाए दी जाए तो गोल्ड और ज्यादा आयेगे .. यहाँ हमारे बच्चे कच्ची जमीन पर दौड़ लगाते है कुश्ती जैसे दुसरे गेम्स खेलते है और जब ये बच्चे कम्पीटीशन में लाते है तो वहा मेट पर गेम्स होते है ..और सिंथेटिक ट्रेक पर दौड़ना पड़ता है पर यहाँ अभ्यास रेत का होता है इस कारण हमारे काफी बच्चे पिछड़ जाते है .. कांग्रेस ने पन्द्रह साल में इनकी कोई संभाल नहीं की न काम किया लोगो को अब नई भाजपा सरकार से आश जगी है ..
बाईट - जितेद्र खत्री ( स्थानीय निवासी पूर्व खिलाड़ी )
वी ओ 2
ये दूसरा स्टेडियम है नरेला सबसिटी में ...यहाँ बोर्ड तो लगा है पर बाहर बोर्ड ही लगा अंदर सुविधाए नहीं .. कोई कोच ट्रेनर कुछ नहीं ..कुछ बच्चे खाली ग्राउंड देख यहाँ क्रिकेट खेलने जरुर आ जाते है पर बच्चो को भी शिकायत है की इन्हें ट्रेनिंग लेने दूर बसों में किराया देकर बाहर जाना पड़ता है और गरीब परिवारों के बच्चे जा नहि नहीं पाते और प्रतिभाये दबकर रह जाती है ....इस खेल परिसर में भी कोई सुविधा नाम की चीज नहीं ..
बाईट - सुनील कुमार ( खेलने वाला बच्चा )
बाईट - मोनू ( खेलने वाला बच्चा )वी ओ 3
इस बारे में भाजपा से चुनकर आये स्थानीय विधायक नीलदमन खत्री से बात की गई वे खुद इन समस्याओ को मानते है और कहना है की वे खुद अधिकारियों से इस मुद्दे पर मीटिंग कर चुके है और इन परिसरों के लिए लगे है .. बल्कि साथ ही विधायक साहब का कहना है की वे इन खेल परिसरों के उद्धार के सतह साथ एक स्टेडियम भी अपनी विधानसभा में मांग रहे है ..इनके पास सौ बीघे का एक तालाब है वहा विधयाक साहब एरिया के लोगो के लिए स्टेडियम मांग रहे है और इस मसले पर उपराज्यपाल से भी मुलाक़ात कर चुके है ..साथ ही विधायक साहब ने खुद प्रधानमंत्री साहब को भी लिखा है और केन्द्रीय वित् मंत्री अरुण जेटली से भी स्टेडियम के लिए बजट की मांग कर रहे है ...
बाईट - नीलदमन खत्री ( भाजपा विधायक नरेला )
वी ओ 4
अब नरेला विधानसभा के लोगो को खेल के मामले में भाजपा की नई टीम से काफी आशाये है और यहाँ के विधायक व संसद इस मामले में कुछ कम करते भी नजर आ रहे है ... अब देखने वाले बात होगी की नरेला के लोगो को खेलो के मामले में क्या मिल पाता है ..................
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अनिल अत्री दिल्ली ........................
एंकर - बाहरी दिल्ली के नरेला विधानसभा में पन्द्रह साल पहले बनने शुरू हुए खेल परिसर आज भी पूरी तरह नहीं बन पाए ..उस वक्त जो पैसा इन परिसरों पर लगा आज वो पैसा भी बर्बाद नजर आ रहा है .. पन्द्रह साल से सिर्फ चारदीवारी ही इन परिसरों की बनी .. एक परिसर में दो से तीन कमरे बने तो आज उन कमरों की खिड़की दरवाजे बिजली की तारे सब गायब है और ये परिसर नशेबाजो के ठिकाने बन चुके है .. परिसर में बड़ी बड़ी घास है खेल की कोई सुविधा नही .. न ही कोई कोच या ट्रेनर ... इलाके में में कई राष्ट्रिय व् अंतरराष्ट्रीय पहलवान है .. अब यहा के पहलवानों की शिकायत है की उन्हें यहाँ कच्ची धरती पर रेत पर खेलना पड़ता है .. रेत पर दौड़ लगानी पडती है पर जब वे कम्पीटिशन में जाते है तो उन्हें वहा मेट पर कुश्ती आदि लडनी पडती है ..सिंथेटीक ट्रेक पर दौड़ना पड़ता है और यहाँ अभ्यास रेट का होता है और इस कारण वे गोल्ड लाने में कई बार चुक जाते है .. अब नरेला के विधायक ने कहा की वे इस मुद्दे को उठाए हुए है और अधिकारियों से लेकर उपराज्यपाल से भी मुलाक़ात की .. साथ ही नरेला में करीब सौ बीघे के तालाब को स्टेडियम बनाने की मांग को लेकर कोशिश में जुटे है ..कांग्रेस ने पन्द्रह साल में इनकी कोई संभाल नहीं की न काम किया लोगो को अब भाजपा के नए विधायक व् सांसद से आश जगी है ..
वी ओ 1 नरेला विधानसभा में दो खेल परिसर है पहला नरेला सबसिटी में तो दूसरा बाकनेर गाव में और दोनों ही बदहाल है .. ये है नरेला विधानसभा के बाकनेर गाव का खेल परिसर ..खेल परिसर का काम पन्द्रह साल पहले शुरू हुआ था ... उस वक्त परिसर की चारदीवारी बनी और ये दो कमरे भी बने .. लेकिन लगातार पन्द्रह साल बीत गये किसी भी सरकार या अधिकारियों ने इसे नहीं संभाला ..यहा बिल्डिंग जर्जर हो गई .. लोग कमरों के दरवाजे उतार ले गये ..बिजली पंखे उखाड़ ले गये ..खिडकियों की लोहे की ग्रील तक चोर उखाड़ कर ले गये ..शराबियो व् नशेड़ियो को एक अच्छा अड्डा मिल गया ..अब यहाँ खिलाड़ी प्रेक्टिस नहीं बल्कि नशेडी निवास करते है .. बड़ी बड़ी घास बदहाली सामने है .. बोर्ड के नाम तक मिट गये ... अब लोग इन स्टेडियम की बर्बादी पर नाराज है . यह इस एरिया में कई नैशनल व इंटरनैशनल खिलाड़ी है ... इन खिलाडियों को भी इन खेल परिसरों की बदहाली की शिकायत है .. इनका कहना है की हमारे बच्चो को सुविधाए दी जाए तो गोल्ड और ज्यादा आयेगे .. यहाँ हमारे बच्चे कच्ची जमीन पर दौड़ लगाते है कुश्ती जैसे दुसरे गेम्स खेलते है और जब ये बच्चे कम्पीटीशन में लाते है तो वहा मेट पर गेम्स होते है ..और सिंथेटिक ट्रेक पर दौड़ना पड़ता है पर यहाँ अभ्यास रेत का होता है इस कारण हमारे काफी बच्चे पिछड़ जाते है .. कांग्रेस ने पन्द्रह साल में इनकी कोई संभाल नहीं की न काम किया लोगो को अब नई भाजपा सरकार से आश जगी है ..
बाईट - जितेद्र खत्री ( स्थानीय निवासी पूर्व खिलाड़ी )
वी ओ 2
ये दूसरा स्टेडियम है नरेला सबसिटी में ...यहाँ बोर्ड तो लगा है पर बाहर बोर्ड ही लगा अंदर सुविधाए नहीं .. कोई कोच ट्रेनर कुछ नहीं ..कुछ बच्चे खाली ग्राउंड देख यहाँ क्रिकेट खेलने जरुर आ जाते है पर बच्चो को भी शिकायत है की इन्हें ट्रेनिंग लेने दूर बसों में किराया देकर बाहर जाना पड़ता है और गरीब परिवारों के बच्चे जा नहि नहीं पाते और प्रतिभाये दबकर रह जाती है ....इस खेल परिसर में भी कोई सुविधा नाम की चीज नहीं ..
बाईट - सुनील कुमार ( खेलने वाला बच्चा )
बाईट - मोनू ( खेलने वाला बच्चा )वी ओ 3
इस बारे में भाजपा से चुनकर आये स्थानीय विधायक नीलदमन खत्री से बात की गई वे खुद इन समस्याओ को मानते है और कहना है की वे खुद अधिकारियों से इस मुद्दे पर मीटिंग कर चुके है और इन परिसरों के लिए लगे है .. बल्कि साथ ही विधायक साहब का कहना है की वे इन खेल परिसरों के उद्धार के सतह साथ एक स्टेडियम भी अपनी विधानसभा में मांग रहे है ..इनके पास सौ बीघे का एक तालाब है वहा विधयाक साहब एरिया के लोगो के लिए स्टेडियम मांग रहे है और इस मसले पर उपराज्यपाल से भी मुलाक़ात कर चुके है ..साथ ही विधायक साहब ने खुद प्रधानमंत्री साहब को भी लिखा है और केन्द्रीय वित् मंत्री अरुण जेटली से भी स्टेडियम के लिए बजट की मांग कर रहे है ...
बाईट - नीलदमन खत्री ( भाजपा विधायक नरेला )
वी ओ 4
अब नरेला विधानसभा के लोगो को खेल के मामले में भाजपा की नई टीम से काफी आशाये है और यहाँ के विधायक व संसद इस मामले में कुछ कम करते भी नजर आ रहे है ... अब देखने वाले बात होगी की नरेला के लोगो को खेलो के मामले में क्या मिल पाता है ..................
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अनिल अत्री दिल्ली ........................
अनिल अत्री दिल्ली ...
ANIL ATTRI DELHI ......
ANIL ATTRI DELHI ......
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