Monday, January 9, 2012

खम्भों पर टंगे निगम टिकटार्थी ...............








खम्भों पर टंगे निगम टिकटार्थी

आगामी निगम चुनाव में खम्भे देंगें टीकट
आप बुराड़ी आये होंगें तो आपको समझने में देर नही लगेगी .. यदि आप आयेगें तो साहब चौक जायेगें .. बुराड़ी बाईपास से बुराड़ी मोड़ तक करीब चार किलोमीटर का फैसला है और इस बीच जितने भी सरकारी खम्भे है हर खम्भा एक नही कई कई जनप्रतिनधि उठाए हुए है ..एक पार्टी नही सभी पार्टियों के प्रतिनिधि इन खम्भों ने उठा रखे है ..जब सरकारी फरमान आया कि सरकारी खम्भों पर कोई पोलिटिकल विज्ञापन नही लगेगा तो इन खम्भों ने राहत कि सांस ली थी और एम् सी डी का भी धन्यावाद किया था ..लेकिन हुआ क्या ढाक के तीन पात ...गरीब जनता कि तरह इन खम्भों को भी सिर्फ सपने दिखाए जाते है ताकि मजबूती से वजन उठाए रखे ... बुराड़ी अथोरटी के कोने पर खड़े एक खम्भे ने रोते हुए बताया कि उसका दुर्भाग्य ये है कि उसकों कोने कि जगह मिली पहले मेने सोचा था कि कोने से दोनों सडकों को निहारुगा बाईपास भी मेरे को दिखाई देगा .. पूरी अथोरटी के अंदर कि कारवाई भी देखूंगा क्योकि कोने से सब दिखाई देता है पर हुआ उल्टा जब जन प्रतिनिधियों कि नजर मेरे ऊपर गई तो उनकों लगा कि अच्छा फ्रंट है इस पर होर्डिंग अछा रहेगा और टांग दिया भारी भरकम होर्डिंग ..फिर दूसरा टिकटार्थी आया और देखा प्रदेश अध्यक्ष को खुश करने का ये सबसे अछा कोना है और टांग दिया दुसरा होर्डिंग ...फिर दूसरे टिकटार्थी ने सोचा कि पहला टिकटार्थी टिकट न ले जाए और तंग गया एक और होर्डिंग ..अब मेरी कमर टूटी जा रही है ..खम्भे के पाँव काप रहे थे कापते पाँव पर पोस्टर लगाने वालों ने प्लास्टर कर डाला ...अब इस खम्भे का ही नही इसकी साथियो का भी करीब करीब यही हाल है ..ये खम्भे कह रहे है हमने कईयों को विकास पुरुष बना दिया है ..रात दिन झूठ बोलना पडता है इलाके में कोई भी पार्क नही ... अच्छा स्कूल नही ...पूरी विधानसभा में कोई भी सरकारी अस्पताल नही.. सड़के पूरी दिल्ली से जर्जर फिर भी यहाँ के नेताओं का गुणगान करना पड़ रहा है .. कितना बड़ा दिल है हमारा ..अब हम खम्भे भी एक यूनियन बनाने जा रहे है और आगामी चुनाव में मांग भी रखेगें कि हमारे उपर होर्डिंग के अलावा कुछ अतिरिक्त जिम्मीदारिया दी गई है जैसे बिजली कि तारे उठाना तो हम चाहेगें कि ये तार उठाने का अतिरिक्त काम किसी और को दे दिया जाए हम अपना मुख्य काम होर्डिंग उठाना ही निभा पायेगें ..................
.....अनिल अत्री





2 comments:

  1. बेचारे खम्बे
    बोझ से हो जाएँगे लंबे..

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  2. बेचारे खम्बे
    बोझ से हो जाएँगे लंबे..

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