दुल्हे को कार चाहिए थी..लेकिन उसकी डिमांड पूरी नहीं हुयी तो वह उस समय फरार हो गया जब उसकी बारात जानी थी... अब लड़की वाले मुसीबत में फस गए..वे न तो दुल्हे की मांग को पूरा कर सकते थे और न ही शादी केंसिल कर सकते थे..Cards बात चुके थे...लाखों रुपये बारात के स्वागत में खर्च कर चुके थे..अब वह लालची दूल्हा और उसका परिवार कानून की गिरफ्त में है..न उसे कार मिली और दुल्हन..मिली तो केवल जेल की सलाखें.... लड़की का बदला हुआ नाम )----सपना का भी एक सपना था की वह भी दुल्हन बने..अपने सजाना के लिए हाथों पर सजाये सजाये...उसका यह सपना पूरा भी हो रहा था..उसकी शादी कंजवाला के रहने वाले A.K. से 23 मई हो रही थी...इधर बारात के स्वागत की तैयारियां चल रही थी और संजना हाथों में महंदी सजाये बैठे अपने A.K. के आने का इन्तजार कर रही थी..बरात भी आने वाली थी..लेकिन आयी एक सूचना...ऐसी सूचना जो सपना ने सपने में भी नहीं सोची थी...अजय की माँ कमला का फोन आया की वह तुरंत निजाम पुर पहुचे..वहां अजय के परिजनों ने संजना के भी देवेन्द्र से यह कहते हुयी दहेज़ में कार की मांग की की उनका बेटा सरकारी नोकरी में है..उसी कार चाहिए...भारIत तभी आएगी जब कार की उनकी मांग पूरी होगी...देवेन्द्र ने खोब मिन्नतें की..लेकिन जब उनकी विनती नहीं सुनी गयी तो उन्हने इसकी शिकायत कन्झवाला ठाणे में की..और जाँच के बाद वे गिरफ्तार कर लिए गए....देवेन्द्र के परिजनों को अपनी किये पर कोइ पछतावा नहीं..ऊनका कहना है की यदि अजय को छोड़ दिया जाता तो यह समाज के मुह पर तमाचा होता... बाईट-देवेन्द्र (दुल्हन का भी ) अब यह लालची सास सलाखों की पीछे है..अजय एम्.टी.एन.एल. में चपरासी का काम करता है..जो अब फरार है...पुलिस ने जाँच के बाद अजय की माँ कमला को तो गिरफ्तार कर लिए लेकिन अजय फरार है...दहेज़ की इस मांग में अजय के बाकी परिजों का कितन हाथ है इस पर जाँच की जा रही है... बाईट---छाया शर्मा )--डीसीपी ओउटर दिल्ली सपनके परिजनों ने वह सब देने के तयारी कर ली थी जो उपहार में कोइ बाप अपनी बेटी को देता है....सपना ने भी उम्मीद की थी की वह कमला में अपनी माँ जैसा स्नेह पायेगी...अजय उसका जीवन भर साथ देगा..लेकिन उसे मिला दगा...बहरहाल यह लालची सास तो अब सलाखों की पीछे पहुच गयी है और पुलिस अजय की तलाश में है...जिसे न तो कार ही मिली और न दुल्हान..मिली तो कानून की मार.. अनिल अत्तरी दिल्ली
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