परीक्षागुरु पाश्चात्य उपन्यास शैली में लिखा गया पहला हिन्दी उपन्यास है।अधिकतर विद्बान श्रीनिवासदास के परीक्षागुरु को ही हिन्दी का पहला उपन्यास मानते हैं..... इसमें दिल्ली के बिगडे़ रईस मदनमोहन के उद्धार की कथा है। इस उपन्यास का नायक कुछ स्वार्थी
, अर्थलोलुप तथा चाटुकार व्यक्तियों की संगत में पड़कर लगभग बर्बाद हो जाता है तभी उसे उसकी पत्नी और ब्रज किशोर नामक युवक संकट से उबारते हैं।
शैली की दृष्टी से यह उपन्यास प्रकरणों में विभक्त है। इसमें संवाद प्राय लम्बे लम्बे हैं। लेकिन भाषा संमत तथा पात्रानुकुल है।
अनिल कुमार अत्री
जयहिन्दी...........
09211514000
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